Mahant Narendra Giri Death: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत मामले में आनंद गिरि को गिरफ्तार कर लिया गया है. आनंद गिरि से एसओजी ने करीब डेढ़ घंटे तक पूछताछ की. वहीं, पुलिस ने आनंद गिरि की मौत मामले मे स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम यानी एसआईटी का गठन किया है.
बता दें, महंत नरेंद्र गिरि की सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. उनके कमरे से 6-7 पेज का सुसाइड नोट मिला है, जिसमें आनंद गिरि और दो अन्य लोगों का जिक्र था. सुसाइड नोट में आनंद गिरि पर परेशान करने का आरोप लगाया गया है.
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पुलिस ने मामले में लेटे हनुमान मंदिर के दो पुजारियों को भी हिरासत में लिया है. अब पुलिस तीन अन्य लोगों से भी पूछताछ करने की तैयारी में हैं. इनमें दो नेता और एक अफसर हैं. ये तीनों महंत नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि के बीच हुए समझौते के दौरान मौजूद थे.
उत्तराखंड पुलिस ने सोमवार को ही नरेंद्र गिरि के कांगड़ी गाजीवाली स्थित आश्रम पहुंच गई थी. यहां उन्हें हिरासत में लिया गया था. सहारनपुर एसओजी की टीम ने बंद कमरे में आनंद गिरि से पूछताछ की और फिर उन्हें गिरफ्तार कर अपने साथ ले आई.
वहीं, महंत नरेंद्र गिरि की मौत पर आनंद गिरि ने कहा कि गुरुजी की हत्या की गई है. इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ लोग हमारे और गुरुजी के बीच दरार पैदा करने की कोशिश में लगे हुए थे. वे नरेंद्र गिरि को घुन की तरह खाने का काम कर रहे थे. आनंद गिरि ने कहा कि जब मेरी बात हुई थी तो गुरुजी पूरी तरह स्वस्थ थे और कोरोना तक को मात दे चुके थे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महंत नरेंद्र गिरि के अंतिम दर्शन के लिए प्रयागराज पहुंचे. उन्होंने कहा कि घटना के संबंध में कई साक्ष्य एकत्र किए गए हैं. एडीजी जोन, आईजी रेंज, डीआईजी प्रयागराज समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की टीम मामले की जांच कर रही है. अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा.
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डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी. सरकार हर तरह की जांच कराने को तैयार है. अगर जरूरत पड़ी तो हम सीबीआई जांच के लिए भी तैयार हैं. सरकार अखाड़ा परिषद की मांगों से मुंह नहीं मोड़ेगी, चाहे वे कुछ भी हों.
नोएडा में ब्रह्मचारी कुटी के स्वामी ओम भारती ने आनंद गिरि को हिस्ट्रीशीटर बताया है. उन्होंने कहा, आनंद गिरि ने सेक्टर 82 में स्थित ब्रह्मकुटी पर कब्जा करने की कोशिश की थी. उस समय उसने खुद को प्रथम महंत बताया था. उन्होंने मामले में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की थी, लेकिन किसी ने एफआईआर दर्ज नहीं की. इसके बाद महंत नरेंद्र गिरि से संपर्क किया था, जिसके बाद आनंद गिरि ने अपना दावा वापस लिया था.
Posted by: Achyut Kumar