महंत नरेंद्र गिरि मौत मामला: सुसाइड की गुत्थी सुलझाने में जुटी CBI टीम, दो वीडियो वायरल होने पर उठ रहे कई सवाल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सिफारिश के 24 घंटे के अंदर सीबीआई की टीम प्रयागराज पहुंच गई.
प्रयागराज : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की तथाकथित आत्महत्या के मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की पांच सदस्यीय टीम प्रयागराज पहुंच गई है. मीडिया की खबरों के अनुसार, जांच को आगे बढ़ाने के लिए प्रयागराज पहुंची सीबीआई की पांच सदस्यीय टीम एसआईटी के साथ बैठक कर मामले की तहकीकात शुरू की.
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को ही महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी. उनकी सिफारिश के 24 घंटे के अंदर सीबीआई की टीम प्रयागराज पहुंच गई. इस मामले में अभी तक एसआईटी की 18 सदस्यों वाली टीम जांच कर रही थी.
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद सोशल मीडिया पर इससे संबंधित दो वीडियो वायरल किए गए हैं. इन दोनों वीडियों के वायरल होने के बाद सवाल यह खड़े किए जा रहे हैं कि आत्महत्या के बाद अगर महंत नरेंद्र गिरि का शव पंखे से लटका हुआ था, तो फिर उनके कमरे का पंखा कैसे चल रहा था?
इसके साथ ही, संत समाज की ओर से दो और सवाल उठाए जा रहे हैं कि महंत नरेंद्र गिरि गठिया रोग से ग्रस्त थे, तो उन्होंने टेबल पर चढ़कर पंखे से खुद को कैसे लटकाया? दूसरा सवाल यह उठाया जा रहा है कि महंत नरेंद्र गिरि को लिखने में दिक्कत होती थी, तो उन्होंने सात से अधिक पन्नों की सुसाइड नोट कैसे लिखी? मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मामले की जांच करने पहुंची सीबीआई की टीम इन सभी सवालों की गुत्थी के साथ जांच के काम आगे बढ़ा सकती है और इन्हीं सबकी जानकारी हासिल करने के लिए उसने एसआईटी टीम के साथ बैठक की है.
इसके साथ ही, खबर यह भी है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की तथाकथित हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए तीसरे आरोपी संदीप तिवारी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इसके पहले दोनों आरोपियों को सीजेएम की कोर्ट से अपील खारिज होने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में नैनी की सेंट्रल जेल भेज दिया गया है.
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मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या करने के पहले लिखे गए कथित सुसाइड नोट में आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था. आद्या प्रसाद तिवारी बाघंबरी गद्दी मठ के अधिकार क्षेत्र में आने वाले संगम तट पर स्थित बड़े हनुमान (लेटे हनुमान) मंदिर के मुख्य पुजारी थे. आनंद गिरि से विवाद की वजह से महंत नरेंद्र गिरि ने उन्हें पुजारी पद से बर्खास्त कर दिया था.