Mahant Narendra Giri Death: अखिल अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की सोमवार को प्रयागराज स्थित श्री बाघंबरी मठ में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. पुलिस के मुताबिक, उनका कमरा अंदर से बंद था. दरवाजा तोड़कर पुलिस अंदर पहुंची. पुलिस को कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरि पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
महंत नरेंद्र गिरी संगम तट पर स्थित लेटे हनुमान मंदिर के महंत थे. उनका अपने शिष्य और चर्चित योग गुरु आनंद गिरि के साथ काफी समय से विवाद चल रहा था. यह सुर्खियों में भी रहा. आनंद गिरि को अखाड़ा परिषद और मठ बाघंबरी गद्दी के पदाधिकारी के पद से निष्कासित कर दिया गया था. उस दौरान, महंत नरेंद्र गिरि को तमाम साधु संतों का समर्थन मिला था.
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महंत नरेंद्र गिरि का कहना था कि आनंद गिरि माफी मांगे, तब उनके बारे में कुछ सोचा जा सकता है. बाद में आनंद गिरि ने माफी मांग ली थी, जिसके बाद गुरु पूर्णिमा के दिन उन्हें मंदिर में प्रवेश की इजाजत मिली थी. हालांकि उसके बावजूद उनका निष्कासन वापस नहीं लिया गया. सिर्फ बाघम्बरी गद्दी मठ और बड़े हनुमान मंदिर में आने पर लगी पाबंदी हटाई गई. आनंद गिरि पर परिवार से संबंध रखने और मठ-मंदिर के धन के दुरुपयोग मामले में कार्रवाई हुई थी. अखाड़े से निष्कासित किए जाने के बाद आनंद गिरि लगातार अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरि के खिलाफ बयान दे रहे थे.
वहीं, महंत नरेंद्र गिरि की मौत पर आनंद गिरि ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि गुरुजी की हत्या की गई है. इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ लोग हमारे और गुरुजी के बीच दरार पैदा करने की कोशिश में लगे हुए थे. वे नरेंद्र गिरि को घुन की तरह खाने का काम कर रहे थे. आनंद गिरि ने कहा कि जब मेरी बात हुई थी तो गुरुजी पूरी तरह स्वस्थ थे और कोरोना तक को मात दे चुके थे.
आईजी रेंज केपी सिंह ने कहा, मैं लोगों से अपील करता हूं कि पुलिस को जांच में सहयोग प्रदान करें. कमरे से सुसाइड नोट बरामद किया गया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि किसको, क्या देना है. यह वसीयत की तरह है. इसके अलावा उन्होंने शिष्य आनंद गिरि पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं.
Posted by : Achyut Kumar