Mahant Narendra Giri Death : महंत नरेंद्र गिरि की आखिरी इच्छा, जो उन्होंने RSS प्रमुख मोहन भागवत को बतायी थी
Mahant Narendra Giri Death: महंत नरेंद्र गिरि की आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से संभवत: जुलाई में आखिरी बार मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात में उन्होंने मोहन भागवत के सामने अपनी इच्छा प्रकट की थी.
Mahant Narendra Giri death: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित बाघम्बरी मठ के महंत नरेंद्र गिरि का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ मधुर सम्बन्ध थे. जुलाई महीने में उन्होंने चित्रकूट में श्री रामानंदाचार्या के साथ मोहन भागवत से मुलाकात की थी. यह मुलाकात पंडित दीनदयाल शोध संस्थान आरोग्य धाम में हुई. इस मुलाकात में धर्मांतरण और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को लेकर दोनों के बीच बातचीत हुई थी.
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में साधु-संतों को शामिल करने की मांग की थी. उनका कहना था कि ट्रस्ट में दो जगतगुरु, तीनों अणियों के श्री महंत को पदेन सदस्य बनाया जाए.
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ट्रस्ट में आरएसएस का कोई हस्तक्षेप नहीं
महंत नरेंद्र गिरि ने उस समय कहा था, संघ प्रमुख मोहन भागवत ने उन्हें यह आश्वासन दिया है कि ट्रस्ट में आरएसएस का कोई हस्तक्षेप नहीं है. लेकिन अखाड़ा परिषद की यह मांग सरकार तक जरुर पहुंचाएँगे. इस मौके पर संघ के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे. इस मौके पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को हनुमान जी का टीका और आशीर्वाद दिया था. गौरतलब है कि उन दिनों चित्रकूट में संघ के नेताओं का जमावड़ा लगा था.
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मुसलमानों और ईसाइयों का डीएनए एक ही है
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान का भी समर्थन किया था. उन्होंने कहा था, यह बात सही है कि देश में रहने वाले हिंदुओं के साथ ही मुसलमानों और ईसाइयों का डीएनए एक ही है. मुसलमानों और ईसाइयों के पूर्वज भी हिंदू ही थे. इसलिए अखाड़ा परिषद उनके घर वापसी की भी कोशिश कर रहा है.
मुसलमान और ईसाई अपने पुराने धर्म में लौट आएं
महंत नरेंद्र गिरि ने मुसलमानों और ईसाइयों से अपील की थी कि सभी लोग अपने पुराने धर्म में लौट आएं . यह देश की एकता और अखंडता के लिए उचित रहेगा. उन्होंने कहा था कि कुछ लोगों ने लालच और दबाव में हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम और ईसाई धर्म अपना लिया था. भारत में रहने वाले सभी मुसलमानों और ईसाइयों के पूर्वज पहले हिंदू ही थे. वहीं मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर मोहन भागवत के दिए गए बयान का भी समर्थन किया था.
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गाय हमारी माता है और हमेशा रहेगी
महंत नरेंद्र गिरि ने कहा था कि मॉब लिंचिंग की घटनाओं को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि गाय हमारी माता है और हमेशा रहेगी, लेकिन इसके बावजूद गो हत्या के नाम पर मॉब लिंचिंग कतई करना सही नहीं है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद यह कोशिश कर रहा है कि देश में रहने वाले ईसाइयों और मुसलमानों को भी हिंदुत्व की विचारधारा से जोड़ा जाए. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने उचित ही कहा है कि किसी मुसलमान को देश छोड़ने के लिए कहना ग़लत है.
Posted by Achyut Kumar