महंत नरेंद्र गिरि के उत्तराधिकारी के चयन में फंसा पेंच! जानें कहां अटके पंच परमेश्वर
महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के बाद अब उनके वसीयत को लेकर माथापच्ची हो रही है. बाघंबरी मठ महंत नरेंद्र गिरीर की तीन वसीयतों का पता चला है. वसीयत बनाने वाले वकील ऋषिशंकर द्विवेदी महंत नरेंद्र गिरि की तीन वसीयतें होने की जानकारी दी है.
महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के बाद अब उनके वसीयत को लेकर माथापच्ची हो रही है. बाघंबरी मठ महंत नरेंद्र गिरीर की तीन वसीयतों का पता चला है. वसीयत बनाने वाले वकील ऋषिशंकर द्विवेदी महंत नरेंद्र गिरि की तीन वसीयतें होने की जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि, महंत नरेंद्र गिरि ने तीन बार बाघंबरी मठ की वसीयत बनवाई थी. ऋषिशंकर द्विवेदी ने यह भी कहा कि दो बार तो महंत नरेंद्र गिरि ने वसीयत में बदलाव करवाए थे.
7 जनवरी को बनी थी पहली वसीयत: वसीयत बनाने वाले वकील ऋषिशंकर द्विवेदी की माने तो उन्होंने कहा है कि, महेत नरेंद्र गिरि ने पहली वसीयत 7 जनवरी 2010 को बनवाई गई थी. उस वसीयत में उन्होंने मठ की संपत्ति बलबीर गिरि के नाम कर दी थी. वहीं ऋषिशंकर द्विवेदी ने कहा कि फिर 2011 को महंत नरेंद्र गिरि ने वसीय बदल कर मठ की सारी संपत्ति अपने शिष्य आनंद गिरि के नाम कर दी. हालांकि, कई सालों बाद 2020 में फिर उन्होंने वसीयत बदलकर मठ की सारी संपत्ति बलबीर गिरि के नाम कर दी.
मठ के वकील ऋषिशंकर द्विवेदी ने कहा है कि तीसरी वसीयत में महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि को हटाकर फिर से बलबीर गिरि के नाम वसीयत कर दी. वसीयत में उन्होंने आनंद गिरि के मद के खिलाफ काम करने का उल्लेख किया. वहीं, महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट में बतौर उत्तराधिकारी बलवीर गिरि का ही नाम शामिल है. बता दें, बाघंबरी मठ के पास करीब 2 सौ करोड की संपत्ति है.
Posted by: Pritish sahay