Lakhimpur Kheri Violence : लखीमपुर हिंसा मामले में आई फोरेंसिक साइंस लैब (FSL) की रिपोर्ट में फायरिंग की पुष्टि हुई है. एफएसएल की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे और हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा एवं उनके साथी अंकित दास के लाइसेंसी असलहा की बैलेस्टिक रिपोर्ट में फायरिंग की हुई पुष्टि हुई है.
बता दें कि बीते तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया क्षेत्र में प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ हुई हिंसा के दौरान लाइसेंसी असलहा से फायरिंग करने की बात सामने आई है. जांच के दौरान लखीमपुर पुलिस ने अंकित दास की रिपीटर गन, पिस्टल और आशीष मिश्रा की राइफल और रिवॉल्वर को जब्त किया था. इन्हीं चारों असलहों की एफएसएल रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है.
इसके अलावा लखीमपुर खीरी के तिकुनिया हिंसा मामले में एफएसएल की रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि सीसीटीवी फुटेज से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है. फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट में यह भी जानकारी दी गई है कि CCTV की फुटेज ओरीरिजनल है. बता दें कि विशेष जांच टीम ने फुटेज को भेजा था फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा था. इसी क्रम में लखीमपुर खीरी में 9 नवंबर से 3 जनवरी 2022 तक जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है. शासन को मिले इनपुट के आधार पर धारा 144 लगाई गई है. सूत्रों के मुताबिक, सूचना मिली थी कि अराजकतत्व से गड़बड़ी फैलाने की आशंका के चलते यह फैसला किया गया है.
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी हिंसा की सुनवाई के दौरान सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हर समस्या का सॉल्यूशन सीबीआई नहीं है. हम स्वतंत्र जज को यह जिम्मा देना चाहते हैं, जो चार्जशीट दाखिल होने तक रोज-रोज अपडेट देखेंगे. इस बीच यूपी सरकार के वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट को बताया है कि पिछली बार कुछ नए लोगों ने केस में दखल दिया और एसआईटी को अपने मामले में कार्रवाई न होने की बात कही. वहीं जब हमने उनको बयान के लिए बुलाया तो आरोपियों के पक्ष में सबूत देने लगे. इसलिए उन्हें रिकॉर्ड नहीं किया गया है.
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के रि. जज रंजीत कुमार सिंह या रि. जज राकेश कुमार को जांच का जिम्मा देना चाहते हैं. कोर्ट ने आगे कहा कि अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी. यूपी सरकार को इस दौरान कोर्ट को जांच के लिए नाम बताना होगा.