Mainpuri Byelection 2022: सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर पार्टी ने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया है. उम्मीदवार कोई और नहीं बल्कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की पत्नी और पूर्व सांसद डिंपल यादव (Dimple Yadav) हैं. सपा के इस ऐलान से स्पष्ट हो गया है कि, डिंपल यादव ही मैनपुरी में अपने ससुर मुलायम सिंह यादव की सियासी विरासत को आगे लेकर जाएंगी.
इधर भाजपा ने भी सपा के समीकरण में सेंध लगाने की हर संभव कोशिश शुरू कर दी है. हालांकि, बीजेपी ने अभी अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है. आइए जनते हैं, सपा के गढ़ में इस बार क्या है सियासी समीकरण.
अगर जातीय आंकड़ों पर नजर डाले तो इस क्षेत्र में करीब सवा चार लाख यादव मतदाता हैं. इसके अलावा करीब सवा तीन लाख शाक्य मतदाता हैं. वहीं 2.25 लाख क्षत्रिय और 1.10 लाख ब्राह्मण मतदाता हैं. दलित वोटों में की बात करें तो, इसमें सबसे अधिक 1.20 लाख जाटव मतदाता हैं और एक लाख लोधी मतदाता हैं. इसके साथ ही करीब 70 हजार वैश्य और 55 हजार मुस्लिम मतदाता हैं. बता दें कि, समाजवादी पार्टी इस क्षेत्र से यादव, शाक्य और मुस्लिम मतों के समीकरण पर ही लगातार चुनाव जीतती आ रही है.
मुलायम सिंह यादव सबसे पहली बार 1967 में विधायक बने. इसके बाद 1974, 1977, 1985, 1989, 1991, 1993, 1996 और 2003 में विधायक चुने गए.1982 से 1985 तक एमएलसी रहे.उस वक्त नेता विपक्ष की भी भूमिका निभाई. इसके बाद 1985 से 1987तक विधानसभा में नेता विपक्ष रहे.मुलायम सिंह यादव ने सोशलिस्ट पार्टी से सियासी सफर शुरू किया.मगर, इसके बाद लोकदल और जनता दल में भी रहे थे.उन्होंने 1992 में समाजवादी पार्टी (सपा) का गठन किया.
यूपी की मैनपुरी संसदीय सीट में पांच विधानसभा आती हैं. इसमें जसवंतनगर, करहल, किशनी, मैनपुरी शहर और भोगांव हैं. इसमें जसवंत नगर से शिवपाल सिंह यादव, करहल से सपा प्रमुख अखिलेश यादव, किशनी से सपा के बृजेश सिंह विधायक हैं, जबकि मैनपुरी शहर सीट से जयवीर सिंह और भोगांव विधानसभा से रामनरेश अग्निहोत्री विधायक हैं.