Mainpuri By-election 2022: मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव (Mainpuri Bypoll) में जीत सुनिश्चित करने के लिए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) आज कई जनसभाएं करेंगे. पूर्व सीएम किशनी और मैनपुरी में जनसभाएं करेंगे. इसके बाद करीब 1 बजे समाजवादी पार्टी कार्यालय के पास जनसभा करेंगे. 5 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव से पहले सपा अपने गढ़ को और मजबूत बनाने में जुटी है. वहीं बीजेपी प्रत्याशी रघुराज शाक्य भी चुनाव प्रचार में जुटे हैं.
उपचुनाव में सबकी नजरें मैनपुरी लोकसभा सीट पर टिकी हैं. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर 5 दिसंबर को उपचुनाव होने जा रहा है. समाजवादी पार्टी ने मुलायम सिंह की बहू और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. वहीं, अब भाजपा ने भी डिंपल यादव के खिलाफ रघुराज सिंह शाक्य को अपना उम्मीदवार बनाया है.
सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मैनपुरी सीट फिर से हासिल करने के लिये पहले वहां जिलाध्यक्ष शाक्य बिरादरी का दिया और फिर स्टार प्रचारकों में चाचा शिवपाल यादव को स्टार प्रचारकों में जगह दी. रामपुर और आजमगढ़ उपचुनाव में हार के बाद इस बार अखिलेश यादव के तेवर कुछ नरम हैं. वह मैनपुरी लोकसभा सीट को किसी भी हालत में गंवाना नहीं चाहते हैं. इसलिये उन्होंने डिंपल के नामांकन के बाद प्रेस कांफ्रेंस में इमोशनल कार्ड खेलते हुये, इस चुनाव में जीत को नेताजी की श्रद्धांजलि करार दिया था.
अखिलेश और शिवपाल के बीच 17 नवंबर को करीब एक घंटे मुलाकात चली. दोनों के बीच मैनपुरी चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. मैनपुरी सीट पर वोट बैंक के लिहाज से शिवपाल यादव की भूमिका काफी अहम मानी जा रही है. उपचुनाव का सियासी माहौल पूरी तरह डिंपल यादव के पक्ष में करने में जुटे अखिलेश इस बात को अच्छी तरह समझते हैं कि शिवपाल यादव का साथ में नजर नहीं आना नुकसानदायक साबित हो सकता है. इससे जहां अच्छा सन्देश नहीं जाएगा, वहीं भाजपा को भी हमलावर होने का मौका मिलेगा. इसलिए इस मुलाकात के जरिए उन्होंने सैफई कुनबे के एक होने का सन्देश दिया.
मैनपुरी लोकसभा सीट पर अगर जातीय समीकरण की बात की जाए तो सर्वाधिक बाहुल्य यहां पर यादवों का है. इस सीट पर यादव मतदाता करीब सवा चार लाख की संख्या में है, और उसके बाद शाक्य मतदाता हैं, जिनकी संख्या करीब सवा तीन लाख हैं. यहां क्षत्रिय मतदाता सवा दो लाख, ब्राह्मण 110000 और दलित वोट करीब 120000 है. इसके अलावा मैनपुरी सीट पर एक लाख लोधी, 70000 वैश्य और 55000 मुस्लिम मतदाता भी है.