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Mainpuri Loksabha By-Election: समाजवादी पार्टी का मैनपुरी पर रहा है एकछत्र राज, 8 बार हासिल की है जीत

मैनपुरी सीट (Mainpuri Loksabha Seat) स्थापना के बाद से ही समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का गढ़ रही है. इस लोकसभा में पांच विधानसभा सीटें आती हैं. सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) पहली बार 1996 में यहां से जीते थे.

Lucknow: मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव (Mainpuri Loksabha By-Election) दिलचस्प होगा. समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी पूर्व सांसद डिंपल यादव (Dimple Yadav) के प्रत्याशी घोषित होने के बाद अचानक मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव चर्चा का विषय बन गया है. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का 10 अक्तूबर को निधन होने के कारण मैनपुरी सीट पर उपचुनाव हो रहा है.

सपा के गढ़ के रूप में है मैनपुरी की पहचान

मैनपुरी सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ रही है. इस लोकसभा में पांच विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें मैनपुरी जिले की चार और इटावा जिले की एक विधानसभा सीट है. सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव पहली बार 1996 में यहां से जीते थे. इसके बाद से कोई और पार्टी इस लोकसभा सीट से चुनाव नहीं जीत पाई है. सन् 1951-52 में पहली बार मैनपुरी में लोकसभा चुनाव हुए थे. उस समय मैनपुरी लोकसभा सीट का नाम मैनपुरी जिला पूर्व था.

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पहले मैनपुरी जिला पूर्व था नाम

1951-52 के पहले चुनाव में मैनपुरी पूर्व से कांग्रेस के बादशाह गुप्ता जीते थे. इसके बाद 1957 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के बंशी दास धनगर ने बादशाह गुप्ता को हराया. 1962 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बादशाह गुप्ता फिर जीतकर दोबारा सांसद बने थे. 1967 में कांग्रेस से महाराज सिंह सांसद चुने गए. इसके बाद 1971 में एक बार फिर यहां से महाराज सिंह ने कांग्रेस का परचम लहराया था. 1977 में भारतीय लोकदल के रघुनाथ सिंह वर्मा ने कांग्रेस के महाराज सिंह को हराया.

1980 में रघुनाथ सिंह वर्मा जनता पार्टी (सेक्यूलर) के टिकट पर जीते. 1984 में कांग्रेस के टिकट पर बलराम सिंह यादव जीतकर सांसद बने. कवि और मुलायम सिंह यादव के गुरु उदय प्रताप सिंह 1989 में जनता दल और 1991 में जनता पार्टी के टिकट पर मैनपुरी से सांसद चुने गए.

1996 में मुलायम सिंह यादव ने हासिल की जीत

सपा की स्थापना के बाद 1996 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 1998 और 1999 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेसी नेता बलराम सिंह यादव को मुलायम सिहं यादव ने टिकट दिया और वह सांसद चुने गए. बलरामपुर सिंह यादव मुलायम के धुर विरोधी कहे जाते थे. 2004 के लोकसभा चुनाव में फिर मुलायम सिंह यादव ने जीत हासिल की. मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया. 2004 में कराए गए उप-चुनाव में धर्मेंद्र यादव ने मैनपुरी सीट पर सपा का कब्जा बरकार रखा.

जिसे सपा का टिकट वह जीता

मुलायम सिंह यादव को 2009 और 2014 में मैनपुरी की जनता ने सांसद बनाकर लोकसभा भेज था. 2014 में मुलायम सिंह यादव आजमगढ़ से भी जीते थे. बाद में उन्होंने मैनपुरी लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया. 2014 में हुए उपचुनाव में तेज प्रताप यादव सपा के टिकट पर सांसद चुने गए थे. तेज प्रताप यादव ने मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई रतन सिंह यादव के बेटे रणवीर सिंह यादव के पुत्र हैं.

सपा ने 8 बार जीती मैनपुरी सीट

मैनपुरी लोकसभा सीट पर अब तक समाजवादी पार्टी 8 बार जीती है. दूसरे नंबर पर 5 जीत के साथ कांग्रेस है. इसके अलावा प्रजा सोशलिस्ट पार्टी एक बार, बीएलडी एक बार, जनता पार्टी (सेक्यूलर), जनता दल और जनता पार्टी ने एक-एक बार जीत दर्ज की है. यहां अब तक 18 बार चुनाव हुए हैं. इसमें 2 बार के उपचुनाव भी शामिल हैं.

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