Agra News: आगरा जिले के टीला माईथान में बेसमेंट खोदने के चलते कई मकान जमींदोज हो गए और उसमें एक बच्चे की मौत हो गई. वहीं, इस मामले में आगरा विकास प्राधिकरण की बड़ी लापरवाही सामने आई है. एडीए ने इस घटना के मुख्य आरोपी राजू मेहरा की जगह दूसरे इसी नाम के व्यक्ति राजू मेहरा निवासी फुलट्टी को नोटिस तामिल कर दिया. वहीं जो नोटिस उन्हें किया गया है, वह 23 जनवरी का है. जबकि घटना आज 26 जनवरी को घटित हुई है. कहीं ना कहीं एडीए इस नोटिस को जारी कर अपनी लापरवाही छिपाने की कोशिश कर रहा है.
दरअसल, जो खुदाई हो रही थी वह बिना किसी नोटिस के की जा रही थी. हालांकि, आगरा विकास प्राधिकरण के वीसी चर्चित गॉड का कहना है कि नोटिस जारी करने वाले संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की जा रही है, और उनसे चार्ज भी वापस ले लिया गया है. आज सुबह 7:30 बजे आगरा के सिटी स्टेशन के पास बड़ी धर्मशाला में बेसमेंट की खुदाई चल रही थी. ऐसे में बेसमेंट के पीछे मौजूद करीब चार से पांच घर मिट्टी खिसकने की वजह से जमींदोज हो गए. मकानों के मलबे में 3 लोग दब गए , जिसमें 4 साल की एक बच्ची की मौत हो गई
वहीं, इस पूरे मामले में अब एक नया खुलासा हुआ है. जिसमें आगरा विकास प्राधिकरण की बड़ी लापरवाही सामने आई है. प्राप्त जानकारी के अनुसार बड़ी धर्मशाला में जो खुदाई चल रही थी वह राजू मेहरा उर्फ गौतम मेहरा निवासी 18/214 छिली ईट रोड, सिटी स्टेशन के सामने के निर्देश पर की जा रही थी.
पुलिस ने राजू मेहरा को इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया है. शाम को करीब 4:15 बजे फुलट्टी माईथान के रहने वाले राजू मेहरा के पास मनोज नाम के एडीए कर्मचारी का फोन आता है. मनोज उनसे उनका नाम पूछता है और बताता है कि आपको एक नोटिस देना है. इसके बाद मनोज उन्हें मुख्य आरोपी राजू मेहरा का पता बताता है. ऐसे में राजू मेहरा समझ जाते हैं कि क्या मामला है. उन्होंने मनोज को अपने पास बुला लिया और नोटिस रिसीव कर लिया. जिसके बाद घटनास्थल पर पहुंचे एडीएम सिटी अंजनी कुमार सिंह को फुलट्टी निवासी राजू मेहरा ने नोटिस के बारे में बताया तो एडीएम सिटी ने उसका फोटो खींच लिया और कहा कि एडीए के अधिकारियों को इसे दिखा देना.
राजू मेहरा ने बताया कि एडीए के चीफ इंजीनियर जब मौके पर पहुंचे तो मैंने उन्हें नोटिस दिखाया. उन्होंने नोटिस देख लिया लेकिन जिस व्यक्ति ने नोटिस तामिल कराया उसे फोन भी नहीं किया और वहां से वापस चले गए. आगरा विकास प्राधिकरण के विशेष चर्चित गौड़ का कहना है कि प्रवर्तन अधिकारी द्वारा इस तरह की जो कार्रवाई की गई है वह मेरे संज्ञान में आई है. इस पर जांच शुरू कर दी गई है और उनसे चार्ज भी ले लिया गया है.
राजू मेहरा ने बताया कि उन्हें दो नोटिस दिए गए हैं. एक नोटिस में खुदाई की स्वीकृति ना होते हुए, खुदाई करने का जिक्र किया है. साथ ही आरोपी राजू मेहरा पर ₹50000 का जुर्माना भी लगाया है. वहीं उन्होंने बताया कि एडीए की लापरवाही का सबसे बड़ा सबब यह है कि जो नोटिस तामिल किया गया है. उस पर 23 जनवरी की तारीख लिखी हुई है जबकि घटना 26 जनवरी को ही है.
ऐसे में कहीं ना कहीं आगरा विकास प्राधिकरण यह दिखाना चाह रहा है कि घटना होने से पहले ही संबंधित आरोपी को खुदाई के लिए नोटिस दिया जा चुका है. इस दुर्घटना में एक बच्चे की मौत हो चुकी है और कई लोग बेघर हो चुके हैं. लेकिन एडीए और प्रशासनिक अधिकारी इस पूरे मामले पर लीपापोती करने में जुटे हुए हैं.