Loading election data...

Lucknow Zoo: कैंसर के आगे हार गया नर बाघ ‘किशन’, 13 साल तक चले इलाज के बाद प्राणी उद्यान में तोड़ा दम

प्राणी उद्यान के अधिकारियों के मुताबिक किशन के स्वास्थ्य को लेकर उसकी लगातार देखभाल की जा रही थी. समय के साथ आयु के बढ़ने और कैंसर से पीड़ित होने के बाद भी किशन एक समान्य बाघ की तरह व्यवहार करता था. लेकिन, बीमारी अंदर ही अंदर अपना प्रभाव बढ़ा चुकी थी, इस वजह से उसे बचाया नहीं जा सका.

By Prabhat Khabar News Desk | December 31, 2022 11:05 AM

Lucknow: राजधानी के प्राणी उद्यान में कैंसर का दंश झेल रहा नर बाघ किशन आखिर जिंदगी की जंग हार गया. उसकी मौत से प्राणी उद्यान में शोक का माहौल है. किशन पिछले 13 सालों से इस बीमारी से जूझ रहा था. प्राणी उद्यान के चिकित्सकों और विशेषज्ञों ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की. लेकिन, कैंसर के कारण किशन को बचाया नहीं जा सका. अपने अंतिम दिनों में किशन ने सामान्य रूप से खाना खाना छोड़ दिया था और उसका घूमना-फिरना भी कम हो गया था.

2009 में किशनपुर से लाया गया था प्राणी उद्यान

प्राणी उद्यान प्रशासन के मुताबिक यह बाघ 2008 से अपने हिंसक स्वभाव के कारण लोगों के जीवन के लिए खतरा बन गया था. इसके हमले में चार लोगों की मौत हो गई थी. कई महीने की कोशिशों के बाद आखिरकार इसे वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू किया था और 1 मार्च 2009 को किशनपुर टाइगर रिजर्व से लखनऊ प्राणाी उद्यान लाया गया. लंबे इलाज के बाद शुक्रवार को प्राणी उद्यान में किशन ने अंतिम सांस ली.

मेडिकल जांच में हुई थी कैंसर की पुष्टि

प्राणी उद्यान लखनऊ लाने के बाद बाघ किशन की मेडिकल जांच की गई तो पता चला कि यह बाघ हिमेन्जियोसार्कोनोमा नाम के कैंसर से पीड़ित है. यह कैंसर कान और मुंह के पास फैला हुआ था, जिसके कारण यह सामान्य रूप से वन्य जीवों का शिकार करने में पूरी तरह से सक्षम नहीं था. इसी वजह से ये इंसानों के लिए खतरा बना हुआ था.

सामान्य बाघ की तरह करने लगा था व्यवहार

प्राणी उद्यान के अधिकारियों के मुताबिक किशन के स्वास्थ्य को लेकर उसकी लगातार देखभाल की जा रही थी. समय के साथ आयु के बढ़ने और कैंसर से पीड़ित होने के बाद भी किशन एक समान्य बाघ की तरह व्यवहार करता था. लेकिन, बीमारी अंदर ही अंदर अपना प्रभाव बढ़ा चुकी थी, इस वजह से उसे बचाया नहीं जा सका.

Also Read: UP Weather Update: पछुआ हवाओं का असर, नए साल में छाया रहेगा घना कोहरा, जानें, कैसा रहेगा आज का मौसम…
बाघिन कजरी की हालत चिंताजनक

प्राणी उद्यान के निदेशक वीके मिश्र सहित वन्य जीव चिकित्सकों और स्टाफ ने नर बाघ किशन को अंतिम विदाई दी. वहीं बाघिन कजरी की हालत भी चिंताजनक बनी हुई है. फिलहाल वह खाना खा रही है. लेकिन, अधिक उम्र के कारण उसकी सेहत बिगड़ रही है. उसे ठंड से बचाव के लिए हीटर आदि का प्रबंध किया गया है. प्राणी उद्यान के चिकित्सक लगातार बाघिन की सेहत पर नजर बनाए हुए हैं.

Next Article

Exit mobile version