UP: प्रियंका ने दिया ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ का नारा, गुलाबी गैंग की संपत पाल ने किया कांग्रेस से किनारा
संपत पाल ने स्थानीय मीडिया से कहा है कि उन्हें कांग्रेस की यूपी चुनाव प्रभारी प्रियंका गांधी से कोई शिकायत नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और पर्यवेक्षक ने उनका टिकट कटवाया है.
Samapat Pal Resigns Congress: देश में गुलाबी गैंग (Gulabi Gang) की मुखिया के नाम से मशहूर संपत पाल का कांग्रेस ने टिकट काट दिया है. वह चित्रकूट की मानिकपुर सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थीं. उनकी जगह पार्टी ने रंजना बराती लाल पांडेय को प्रत्याशी घोषित किया है.
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ का नारा दिया है. इस बीच चित्रकूट की मानिकपुर विधानसभा सीट से टिकट की आस लगाए गुलाबी गैंग की मुखिया संपत पाल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. बता दें कि महिला अधिकारों के लिए लड़ने वालीं संपत पाल ने शनिवार को कांग्रेस से किनारा कर लिया है. वह टिकट न मिलने से खफा हो गई हैं. साल 2012 और 2017 में मानिकपुर सीट (Manikpur Assembly Seat) से चुनाव लड़ने वालीं संपत पाल को दो बार हार का सामना करना पड़ा है. साल 2012 में उन्हें 23,003 वोट मिले थे. साल 2017 में कांग्रेस का सपा से गठबंधन होने पर मानिकपुर सीट कांग्रेस के खाते में गई थी. कांग्रेस ने फिर संपत को ही मैदान में उतारा. 40,524 वोटों के साथ वह दूसरे नंबर पर रहीं थीं. साल 2019 में इस सीट पर उपचुनाव हुआ था. कांग्रेस तब पहली बार उनकी जगह रंजना बराती लाल पांडेय को उम्मीदवार के रूप में चुना था. उस चुनाव में 8,230 वोट ही रंजना को मिले थे.
संपत पाल ने स्थानीय मीडिया से कहा है कि उन्हें कांग्रेस की यूपी चुनाव प्रभारी प्रियंका गांधी से कोई शिकायत नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और पर्यवेक्षक ने उनका टिकट कटवाया है. इसका संदेश देने और पार्टी को कुछ चाटुकारों से बचाने के लिए इस्तीफा देने का कदम उठाना पड़ा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह अभी किसी भी दल में शामिल नहीं होंगी. रंजना को केवल 8,230 वोट ही मिल सके थे. इससे संपत पाल को इस चुनाव में टिकट मिलने की पूरी उम्मीद थी.
यहां यह जानना जरूरी है कि संपत पाल ने महिलाओं के अधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए गुलाबी गिरोह की स्थापना की थी. गुलाबी गैंग का कामा महिला अधिकारों के लिए कार्य करना है. इस संगठन की महिलाएं गुलाबी रंग की साड़ी पहनती हैं. लाठी लेकर चलती हैं. हालांकि, अब इस संगठन का स्वरूप बदल चुका है.