प्रयागराज : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में मीडिया और सोशल मीडिया पर ताबड़तोड़ खुलासों पर खुलासे किए जा रहे हैं. खबर है कि प्रयागराज के बाघंबरी मठ के महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में शिष्य आनंद गिरि पर कई आरोप लगाए जा रहे हैं, जिसमें मठ की संपत्ति बेचने का आरोप अहम है.
मीडिया की खबरों के अनुसार, महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि उन्हें काफी परेशान किया करता था. खबरों में इस बात का जिक्र किया जा रहा है कि आनंद गिरि को अभी हाल ही में अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया था, जिसके बाद सोशल मीडिया पर एक के बाद एक कई वीडियो वायरल हुए थे, जिसमें अखाड़े और मठ की संपत्ति के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है.
इसके साथ ही, सोशल मीडिया पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के कई शिष्यों के पास करोड़ों की संपत्ति होने से संबंधित तस्वीरें भी वायरल हुई थीं. आरोप यह था कि अखाड़ा परिषद अध्यक्ष की छवि धूमिल करने के लिए साजिश रची जा रही है. हालांकि, इसका खंडन करते हुए अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा था कि यह सभी आरोप बेबुनियाद हैं. ऐसें में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या आनंद गिरि किसी बात को लेकर महंत को परेशान कर रहे थे?
मीडिया में खबर यह भी है कि महंत नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य आनंद गिरि के बीच काफी गहरा विवाद था. आनंद गिरि पर कई गंभीर आरोप भी लगाए गए थे. इस प्रकार के आरोप लगने के बाद आनंद गिरि को निरंजनी अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया था. इसके साथ ही, खबरों में यह भी कहा जा रहा था कि आनंद गिरि के पास लेटे हुए हनुमान मंदिर का महंत होने के नाते काफी अधिकार मिले हुए थे और वे महंत नरेंद्र गिरि के सबसे प्रिय शिष्य थे, लेकिन संत परंपरा का निर्वहन नहीं करने की वजह से उन्हें इसी साल अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया था.
मीडिया में खबर यह भी है कि महंत नरेंद्र गिरि के सबसे प्रिय शिष्य आनंद गिरि पर आस्ट्रेलिया में दो महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने का भी आरोप है. यह मामला वर्ष 2016 और 2018 के बीच का है, जब महंत नरेंद्र गिरि के सबसे विश्वासपात्र शिष्य आनंद गिरि आस्ट्रेलिया गए थे. इसी दौरान उन पर होटल की दो महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और उनके साथ मारपीट करने का आरोप लगा था. इन दोनों महिलाओं की शिकायत पर पुलिस ने आनंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था.
ऑस्ट्रेलिया की इस घटना के बाद हालांकि वकीलों की मदद से आनंद को रिहा कराया गया, लेकिन इससे मठ और अखाड़े को काफी नुकसान हुआ था. महंत नरेंद्र गिरि इस घटना से काफी आहत थे. जेल से रिहा होने के बाद आनंद ने उनकी रिहाई के नाम पर कई अमीरों से 4 करोड़ रुपये वसूलने का आरोप भी लगाया था.
इतना ही नहीं, आनंद गिरि पर हवाई जहाज में शराब पीने का भी आरोप लगा था. मीडिया की खबरों के अनुसार, यह मामला वर्ष 2020 के अक्टूबर महीने का है. सोशल मीडिया पर वायरल फोटो में आनंद बिजनेस क्लास में बैठे नजर आ रहे हैं और उनके सामने होल्डर पर शराब से भरा गिलास रखा था. इस तस्वीर के वायरल होने के बाद उनकी आमजन और संत समाज ने काफी आलोचना की थी. इसके बाद अपनी सफाई में आनंद ने कहा था कि गिलास में एप्पल जूस भरा हुआ था.
टीवी समाचार चैनल आज तक की खबर के अनुसार, महंत नरेंद्र गिरि के प्रिय शिष्य आनंद गिरि पर चोरी का भी आरोप लगा है. आरोप यह है कि प्रयागराज के लेटे हनुमान मंदिर का महंत रहने के बावजूद उनका संबंध अपने परिवार से था और वे दान में आए हुए पैसों को अपने परिवार पर खर्च किया करते थे. इस मामले को सामने आने के बाद ही आनंद को अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया था और इसके बाद उन्होंने अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरि पर कई आरोप लगाए थे.
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खबर यह भी है कि कई बरस से गुरु-चेले के बीच चल रहा विवाद उस समय थम गया था, जब कई आरोपों से घिरे शिष्य आनंद गिरि ने अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरि से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी थी. उन्होंने न केवल अपने गुरु से पैर पकड़कर माफी मांगी थी, बल्कि अखाड़े के पंच परमेश्वर से भी माफी मांगी. इस प्रकरण के बाद महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद पर लगी सभी प्रकार की पाबंदियों को हटा दिया था.