श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन रहने वाले मोहम्मद सत्तार अब तक लिख चुके हैं कई कविताएं, लोग कहते हैं दूसरा रसखान

Mathura News: हाथरस जिले के रहने वाले 68 वर्षीय सत्तार अहमद नगला उदयभान के निवासी हैं. गांव में लोग इन्हें चाचा उदयभानी के नाम से भी पुकारते हैं. सत्तार अहमद पेशे से एक कवि है और अब तक वह कई कवि सम्मेलनों में हिस्सा भी ले चुके हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 23, 2023 6:37 PM

Mathura News: हाथरस के मूल निवासी सत्तार अहमद पर कृष्ण भक्ति का ऐसा खुमार चढ़ा कि उन्होंने 12 साल की उम्र से ही भोजन करना छोड़ दिया. सत्तार दिन भर में सिर्फ आधा लीटर दूध, चाय और पानी ही लेते हैं. करीब 21 साल की उम्र से ही सत्तार भगवान कृष्ण की भक्ति कर रहे हैं. अब तक वह श्री कृष्ण के लिए करीब 25 पुस्तक तक लिख चुके हैं. सत्तार जहां एक तरफ नमाज पढ़ते हैं, वहीं दूसरी तरफ जन्माष्टमी भी धूमधाम से मनाते हैं.

हाथरस जिले के रहने वाले 68 वर्षीय सत्तार अहमद नगला उदयभान के निवासी हैं. गांव में लोग इन्हें चाचा उदयभानी के नाम से भी पुकारते हैं. सत्तार अहमद पेशे से एक कवि है और अब तक वह कई कवि सम्मेलनों में हिस्सा भी ले चुके हैं. सत्तार जब भी किसी कवि सम्मेलन में अपनी बात शुरू करते हैं, तो राधे-राधे से करते हैं और उसका अंत भी राधे-राधे के साथ ही करते हैं.

सत्तार अब तक लिख चुके हैं कई दोहे

सत्तार अब तक श्री कृष्ण के लिए दोहे, चौपाई, छंद और सैकड़ों सवैया लिख चुके हैं. और अधिकतर समय उनका इन्हें लिखने में ही बीतता है. यही कारण है कि लोग इन्हें ब्रज का रसखान भी कहते हैं. सत्तार करीब 35 साल पहले हाथरस छोड़कर अलीगढ़ में आ गए थे. शुरू से ही वह गांव में होने वाले धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेते थे. सत्तार का कहना है कि गांव में दोनों धर्म के लोग रहते हैं, लेकिन यहां किसी के बीच में भेदभाव नहीं है. गांव में जहां हिंदुओं के घर में ईद मनाई जाती है तो मुस्लिम के घर में जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है.

21 साल से शुरू की कृष्ण की भक्ति

सत्तार अब मथुरा में रहते हैं और उनका कहना है कि जब वह 21 वर्ष के थे तभी से उन्होंने भगवान कृष्ण की भक्ति करना शुरू कर दिया था. वही उनके परिवार में किसी ने भी उनको ऐसा करने से नहीं रोका. सत्तार की अब 68 वर्ष की उम्र है और वह कृष्ण के पूर्व भक्त रसखान की तरह पद्ध भी लिखते हैं. और श्री कृष्ण के लिए कविताएं भी लिखते हैं.

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ऐसे में लोग उन्हें दूसरा रसखान बोलते हैं. सत्तार ने अभी हाल ही में एक पुस्तक भी लिखी है जिसका नाम श्री कृष्ण भक्ति सागर है. और उन्होंने बताया कि इस पुस्तक में करीब 215 छंद लिखे हैं जिनमें भगवान कृष्ण की भक्ति का वर्णन होता है. यही नहीं सत्तार अहमद भगवान कृष्ण और राधा रानी को रिझाने के लिए अब तक कई पद्ध भी लिख चुके हैं.

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