Mathura News: ट्रेन में यात्री को अचानक पड़ा द‍िल का दौरा, पत्नी और आरपीएफ जवानों की समझदारी से बची जान

दिल्ली से चली हजरत निजामुद्दीन त्रिवेंद्रम सेंट्रल एक्सप्रेस शुक्रवार रात को करीब 12:00 बजे मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर पहुंची. ट्रेन में मौजूद केरल के कसरागौड जिले के अट्टुपुरम मिथाले इलम क्षेत्र में रहने वाले केशवन अपनी पत्नी दया के साथ दिल्ली से केरल जा रहे थे.

By Prabhat Khabar News Desk | October 2, 2022 12:34 PM

Mathura News: ट्रेन से दिल्ली से केरल जा रहे एक यात्री को अचानक दिल का दौरा पड़ गया. इसके बाद यात्री को मथुरा स्टेशन पर उतारा गया. जहां आरपीएफ कर्मचारियों और यात्री की पत्नी ने सजगता दिखाते हुए उनके हाथ पैर मलना और मुंह में साथ देना शुरू कर दिया. इससे यात्री को होश आ गया और उनकी जान बच गई. इसके बाद यात्री को जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया जहां से वह निजी अस्पताल में शिफ्ट हो गए.

जानकारी के अनुसार, दिल्ली से चली हजरत निजामुद्दीन त्रिवेंद्रम सेंट्रल एक्सप्रेस शुक्रवार रात को करीब 12:00 बजे मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर पहुंची. ट्रेन में मौजूद केरल के कसरागौड जिले के अट्टुपुरम मिथाले इलम क्षेत्र में रहने वाले केशवन अपनी पत्नी दया के साथ दिल्ली से केरल जा रहे थे. यात्रा के दौरान अचानक से केशवन को दिल का दौरा पड़ा यह देखकर उनकी पत्नी घबरा गई और यात्रियों से मदद मांगने लगी. ऐसे में ट्रेन जब मथुरा जंक्शन पर रुकी तो यात्रियों की मदद से केशवन को उतारा गया. घटना की सूचना पर आरपीएफ के कांस्टेबल अशोक कुमार और कॉन्स्टेबल निरंजन सिंह भी मौके पर पहुंच गए.

यात्री केशवन को बेहोशी की हालत में देखकर उनकी पत्नी दया ने उन्हें मुंह से सांस देना शुरू कर दिया. काफी देर तक वह ऐसा करती रही. दूसरी तरफ मौके पर पहुंचे आरपीएफ के दोनों कॉन्स्टेबल भी उनका जीवन बचाने में जुट गए. एक उनके पैरों को सहलाना शुरू किया तो दूसरे ने उनके हाथ मलना शुरू कर दिया. करीब 15 मिनट तक लगातार ऐसा करते रहे और यात्री केशवन को अचानक से होश आ गया. यात्री को होश आने के बाद आरपीएफ ने उन्हें एंबुलेंस मंगाकर जिला अस्पताल भेज दिया. जहां से वह हाईवे स्थित सिटी हॉस्पिटल में स्थानांतरित हो गए. आरपीएफ के एएसआई लोकेंद्र सिंह ने बताया कि आरपीएफ जवानों को जीवन रक्षा ऑपरेशन के तहत आपात स्थिति में इस तरह की परेशानियों से निपटने की ट्रेनिंग दी जाती है. और इसी ट्रेनिंग की वजह से वह उस यात्री की जान बचाने में सफल रहे.

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र‍िपोर्ट : राघवेंद्र गहलोत

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