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Mathura Shahi Idgah Case: सर्वे वाले आदेश पर ओवैसी बोले- यह 1991 के एक्ट का उल्लंघन, आदेश से असहमत

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि कोर्ट ने सर्वेक्षण को पहले उपाय के रूप में इस्तेमाल किया है, जबकि कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह अंतिम उपाय होना चाहिए. मैं मथुरा कोर्ट के आदेश से असहमत हूं. एआईएमआईएम प्रमुख ने भाजपा और आरएसएस पर भी निशाना साधा.

By Prabhat Khabar News Desk | December 26, 2022 4:57 PM

Lucknow: श्रीकृष्ण जन्मभूमि एवं शाही ईदगाह विवाद को लेकर मथुरा की एक स्थानीय अदालत ने हिन्दू सेना के दावे पर ईदगाह के अमीन सर्वेक्षण की रिपोर्ट 20 जनवरी को तलब की है. कोर्ट के आदेश पर अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (AIMIM) के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कोर्ट के आदेश पर सवाल खड़े किए हैं.

सर्वे के लिए पूछने को गलत ठहराया

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मेरे विचार से सर्वे के लिए पूछना गलत है. यह अपने आप में एक गलत आदेश है, सिविल कोर्ट ने 1991 के अधिनियम का उल्लंघन किया है. उन्होंने सर्वेक्षण को पहले उपाय के रूप में इस्तेमाल किया है, जबकि कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह अंतिम उपाय होना चाहिए. ओवैसी ने कहा, “मैं मथुरा कोर्ट के आदेश से असहमत हूं.”

अपील होने पर हाई कोर्ट से जताई उम्मीद

ओवैसी ने कहा कि मुझे यकीन है कि शाही ईदगाह ट्रस्ट इस गलत आदेश के खिलाफ अपील करेगा और उच्च न्यायालय इस पर गौर करेंगे. इससे पहले उन्होंने कहा था कि बाबरी मस्जिद के फैसले के बाद मैंने बोला था कि यह संघ परिवार शरारतों को बढ़ावा देगा. अब मथुरा कोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर के अंदर सबूतों की जांच के लिए कमिश्नर भी नियुक्त कर दिया है. यह इस तरह के मुकदमों पर रोक लगाने वाले पूजा स्थल अधिनियम के बावजूद है.

भाजपा और आरएसएस पर किया कटाक्ष

उन्होंने कहा कि यह तब भी है जब मस्जिद और बगल के मंदिर में उनके विवाद को हल करने के लिए एक लिखित समझौता हुआ है. एआईएमआईएम प्रमुख ने भाजपा और आरएसएस पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस इस देश में 1980 और 1990 वाली हालत बनाने की कोशिश में हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व हिन्दू परिषद को रोकना चाहिए.

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मुस्लिम पक्ष दाखिल करेगा अपनी आपत्ति

गौरतलब है कि मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान-शाही मस्जिद ईदगाह मामले में ईदगाह के अमीन सर्वेक्षण के स्थानीय अदालत के आदेश पर मुस्लिम पक्ष आगामी 20 जनवरी को अपनी आपत्ति दाखिल करेगा. शाही मस्जिद ईदगाह इंतजामिया कमेटी के सचिव एवं अधिवक्ता तनवीर अहमद ने कहा है कि हम सर्वे सम्बन्धी आदेश पर 20 जनवरी को आपत्ति दाखिल करेंगे.

मंदिर को लेकर कोर्ट में पेश किया जा चुका है इतिहास

इस मामले में शनिवार को वादियों ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर मंदिर बनने तक का ‘पूरा इतिहास’ अदालत के समक्ष पेश किया. उन्होंने वर्ष 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही ईदगाह के बीच हुए समझौते को भी अवैध बताते हुए निरस्त किए जाने की मांग की है. बता दें कि अमीन को 20 जनवरी तक ईदगाह की रिपोर्ट अदालत में पेश करनी होगी.

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