Mathura Shri Krishna Janmabhoomi case: इलाहाबाद हाइकोर्ट ने शाही ईदगाह की वीडियोग्राफी सर्वे का दिया आदेश

हाइकोर्ट ने कहा है कि सर्वे टीम में वादी, प्रतिवादी के साथ ही अधिकारियों को शामिल किया जाए. कलेक्टर को इसकी रिपोर्ट तैयार करने और कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए गए हैं. मथुरा में विवादित स्थल की वीडियोग्राफी करने के इलाहाबाद हाइकोर्ट के इस फैसले का हिंदू पक्ष ने समर्थन किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 29, 2022 2:41 PM
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Mathura Shri Krishna Janmabhoomi case: मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस में इलाहाबाद हाइकोर्ट ने सोमवार को शाही ईदगाह के वीडियोग्राफी सर्वे का आदेश दिया है. साथ ही, निचली अदालत से कहा कि सर्वे से जुड़ी सभी याचिकाओं की सुनवाई चार महीने में पूरी कर ली जाए. वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में इसी तरह से वीडियोग्राफी सर्वे किया गया था. इस केस में भी सुनवाई चल रही है.

चार महीने में देनी होगी रिपोर्ट

कोर्ट ने वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वे कराने का आदेश दिया है. कोर्ट के आदेशानुसार, चार महीने में ये सर्वे पूरा करना होगा. इसकी रिपोर्ट हाइकोर्ट में जमा करनी होगी. इसके लिए एक वरिष्ठ अधिवक्ता को इस सर्वे के लिए कमिश्नर और दो अधिवक्ताओं को सहायक कमिश्नर के तौर पर नियुक्त किया जाएगा. इस सर्वे कमीशन में वादी और प्रतिवादी के साथ-साथ प्रशासनिक अफसर भी शामिल होंगे. काशी के ज्ञानवापी और श्रृंगार गौरी मंदिर के मामले में भी ऐसा ही सर्वे किया जा रहा है.

हिंदू पक्ष ने किया समर्थन

हाइकोर्ट ने कहा है कि सर्वे टीम में वादी, प्रतिवादी के साथ ही अधिकारियों को शामिल किया जाए. कलेक्टर को इसकी रिपोर्ट तैयार करने और कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए गए हैं. मथुरा में विवादित स्थल की वीडियोग्राफी करने के इलाहाबाद हाइकोर्ट के इस फैसले का हिंदू पक्ष ने समर्थन किया है. हालांकि, मुस्लिम पक्ष की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

क्या है श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस का मामला?

दरअसल, मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर विवाद लंबे समय से चला आ रहा है. मथुरा कोर्ट में 13.37 एकड़ भूमि के स्वामित्व की मांग को लेकर याचिका दायर की गई है. याचिका में श्री कृष्ण जन्मभूमि के बराबर में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता मनीष यादव ने विवादित स्थल की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराने की भी मांग की थी. निचली अदालत में ये मामला फिलहाल लंबित है. मामले की सुनवाई में देरी होने के कारण याचिकाकर्ता ने हाइकोर्ट में अपील की थी. इसी मामले में हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई.

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