Mathura News: आ गई कड़ाके की ठंड, बदला भक्तों के आराध्य ‘बांके बिहारी’ का खानपान, जानें पूरी जानकारी
Mathura News: मथुरा में शरद पूर्णिमा के बाद से ही ठाकुर बांके बिहारी महाराज के खानपान और रहन-सहन में बदलाव आ गया है. ऐसे में पौराणिक परंपरा को बढ़ाते हुए उनकी सेवा में बदलाव किया गया है. बांके बिहारी को ठंड से बचाने के लिए उनके गर्म कपड़े पहनाए जाने लगे हैं और गर्म मेवा का भोग लगने लगा है.
Mathura News: मथुरा धर्म नगरी में लोगों के आराध्य और सबके लाडले ठाकुर बांके बिहारी जी को भी ठंड लगने लगी है. जिसकी वजह से उनके खान-पान और पहनावे में बदलाव किया गया है. बांके बिहारी को ठंड से बचाने के लिए उनके गर्म कपड़े पहनाए जाने लगे हैं और गर्म मेवा का भोग लगने लगा है.
शरद पूर्णिमा के बाद से ही ठाकुर बांके बिहारी महाराज के खानपान और रहन-सहन में बदलाव आ गया है. क्योंकि सर्दी का आगमन हो गया है. ऐसे में पौराणिक परंपरा को बढ़ाते हुए उनकी सेवा में बदलाव किया गया है. वैसे तो 12 महीने में मौसम के बदलाव के अनुसार बांके बिहारी की सेवा में भी बदलाव आ जाता है.
ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के सेवायत विनय गोस्वामी ने बताया बांके बिहारी की सेवा लाड़ की सेवा होती है. ऐसे में सर्दियों में उन्हें ऊनी वस्त्र, गर्म कपड़ों के वस्त्र, सनील के वस्त्र पहनाए जाते हैं जिससे उन्हें ठंड से बचाया जा सके.
सेवायत विनय गोस्वामी ने बताया कि सर्दी से बचाने के लिए बांके बिहारी को गर्म प्रसाद का भोग लगता है. उसमें सर्दियों में प्रयोग किए जाने वाली मेवा मिश्रित खीर बनाई जाती है. केसर का भोग लगता है. सर्दियों में बनने वाली मिठाई में केसर मिश्रित की जाती है, साथ ही सर्दियों में खासतौर पर ठाकुर जी को खिचड़ी का भी भोग लगाया जाता है ताकि उन्हें सर्दी ना लग सके.
सर्दियों में स्नान कराने के लिए सेवायत विनय गोस्वामी ने बताया कि ठाकुर जी को केसर और हिना के इत्र से स्नान कराया जाता है. और रात को जब बांके बिहारी को विश्राम कराया जाता है. जब वह शयन को जाते हैं तो उन्हें रजाई ओढ़ई जाती है और एक छोटे बच्चे की तरह टोपा भी पहनाया जाता है.