बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन की ओमप्रकाश राजभर को सलाह, सपा के खिलाफ चलाएं आंदोलन, आजम खां पर भी बोले…
मौलाना ने ओमप्रकाश राजभर को एक पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से ओमप्रकाश राजभर को सपा के खिलाफ आंदोलन चलाने की सलाह दे डाली. उन्होंने सपा को एक डूबता हुआ जहाज बताया.बोले, अखिलेश यादव की मुस्लिम मसाइल पर खामोशी के चलते 50 फीसद मुस्लिम मतदाता ने सपा से दूरी बना ली है.
Bareilly News: दरगाह आला हजरत से जुड़े एवं तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी सपा प्रमुख और सोहेल देव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के विवाद में रविवार को कूद गए हैं. एक दिन पहले ही सपा ने ओमप्रकाश राजभर और शिवपाल यादव को पत्र लिखकर जहां सम्मान मिले.वहां जाने को कहा था.
आंदोलन चलाने की सलाह दीइसके बाद इन दोनों नेताओं ने भी सपा को जवाब में पत्र लिखा था. मगर मौलाना ने ओमप्रकाश राजभर को एक पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से ओमप्रकाश राजभर को सपा के खिलाफ आंदोलन चलाने की सलाह दे डाली. उन्होंने सपा को एक डूबता हुआ जहाज बताया.बोले, अखिलेश यादव की मुस्लिम मसाइल पर खामोशी के चलते 50 फीसद मुस्लिम मतदाता ने सपा से दूरी बना ली है, बाकी बचे 50 फीसद मुसलमान आने वाले लोकसभा चुनाव तक सपा से दूर हो जाएंगा. मौलाना ने कहा कि अगर आप सपा के साथ लोक सभा के इलेक्शन में रहते तो आपको एक भी सीट नहीं मिलती.
समाजवादी पार्टी के खिलाफ ओमप्रकाश राजभर, शिवपाल यादव और मौलाना तौकीर रजा आदि के साथ मिलकर एक मोर्चा बनाने की सलाह दी. सपा के खिलाफ जबरदस्त अंदाज में मुहिम चलाने की जरूरत बताया. मुसलमानों के मशाइल उठाने को कहा. इससे मुसलमान आपके साथ खड़ा नजर आएगा. इसके साथ ही तंजीम उलमा-ए-इस्लाम आपका समर्थन करेगी.
एसी की ठंडी हवाओं से बाहर निकलतेमौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की हार होने पर आपने अखिलेश यादव को साथी की हैसियत से सलाह दी थी. आपने एसी की ठंडी हवाओं से बाहर निकलने की सलाह भी दी. मगर उन्होंने आपकी सलाह नहीं मानी. वह इससे नाराज हो गए. अखिलेश यादव ने आपकी बात को तुल दिया. आप की मुखालफत कराई. सपा नेता मुहम्मद आजम खां भी उनके साथ नजर आए. रामपुर और आजमगढ़ दोनों लोकसभा सीट मुस्लिम बाहुल्य हैं. यहां पर आजम खां ने अपने पुराने अंदाज में मुसलमानों से वोट की भीख मांगी. मगर मुसलमानों ने उनकी बात को सुन कर अनसुना कर दिया. इसकी वजह से सपा के उम्मीदवारों को हार का मुंह देखना पड़ा.
परिवारवाद के कारण आजम का प्रभाव खत्ममौलाना ने कहा कि आजम खां परिवारवाद की बात करते हैं. मुस्लिम कौम की बात नहीं करते. इसकी वजह से मुसलमानों पर उनका प्रभाव खत्म हो चुका है. उनके रामपुर और आजमगढ़ में मुसलमानों के वोटों की भीख मांगने के बाद भी वोट नहीं मिले.इससे साफ है आजम खान का मुस्लिम मतदाताओं से प्रभाव खत्म हो चुका है.
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