Lucknow News: राजस्थान के अलवर में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान मंदिर तोड़ने की घटना पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस की गहलोत सरकार का घेराव किया है. साथ ही अतिक्रमण के ही नाम पर बीजेपी सरकार की कार्रवाई पर भी निशाना साधा है.
राजस्थान के कांग्रेसी राज अलवर में भी अतिक्रमण की आड़ में मन्दिर तोड़ना तो कहीं बीजेपी शासित राज में दूसरे धर्म के स्थलों को नुकसान पहुँचाना व गरीबों के आशियाने उजाड़ना आदि यह सब घिनौनी राजनीति नहीं तो क्या है? जबकि इससे हमारा संविधान कमजोर होगा। यह सब तुरन्त बन्द होना चाहिये।
— Mayawati (@Mayawati) April 23, 2022
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर लिखा, ‘राजस्थान के कांग्रेसी राज अलवर में भी अतिक्रमण की आड़ में मन्दिर तोड़ना तो कहीं बीजेपी शासित राज में दूसरे धर्म के स्थलों को नुकसान पहुंचाना और गरीबों के आशियाने उजाड़ना आदि यह सब घिनौनी राजनीति नहीं तो क्या है? जबकि इससे हमारा संविधान कमजोर होगा. यह सब तुरन्त बन्द होना चाहिये.
मायावती ने इससे पहले दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC) की ओर से अतिक्रमण हटाए जाने की कार्रवाई को लेकर बीजेपी का घेराव किया था. पूर्व सीएम ने कहा कि जहांगीरपुरी सहित देश के अन्य राज्यों में भी अवैध निर्माण पर चलाए जा रहे बुलडोजर से गरीब लोगों के प्रभावित हो रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि उन अधिकारियों के विरुद्ध भी सख्ती करनी चाहिये जिनके भ्रष्टाचार की वजह से ही अवैध निर्माण हो रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि देश में जहां भी दंगे और हिंसा होती है वहां कार्रवाई के नाम पर तुरन्त बुलडोजर चलाया जाता है. जिसमें गरीब लोग भी पिस रहे हैं, यह उचित नहीं, बल्कि जो मूले दोषी हैं तो उनके विरुद्ध ही सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिये साथ ही, धर्म को भी इसके लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे देश में आपसी सद्भाव खत्म हो रहा है. इसका देश विरोधी ताकतें भी गलत फायदा उठा सकती हैं. उन्होंने अपनी यह सलाह देते हुए सरकार को इस संबंध में सोचने के लिए कहा.
दरअसल, जहांगीरपुरी में हनुमान जयंत पर निकाली गई शोभायात्रा पर पथराव के बाद दो समुदायों के बीच झड़प हुई थी. इस घटना के पुलिसकर्मियों समेत आठ लोगों के घायल होने की सूचना मिली. इसके अलावा कई जगहों पर वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया.
दरअसल, 17 अप्रैल को राजस्थान के अलवर जिले में कांग्रेस की गहलोत सरकार का बुलडोजर अतिक्रमण के नाम पर 250 साल पुराने मंदिर पर चलाया गया. मंदिर प्रशासन ने इसकी शिकायत पुलिस से की है. इस मामले को लेकर मंदिर प्रशासन का कहना है कि प्रशासन ने अतिक्रमण बताकर मंदिर तोड़ दिया. वहीं इस मामले में बीजेपी ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाया है. इस बीच अब मायावती ने इस तरह की घटना को लेकर कांग्रेस और बीजेपी का घेराव किया है.