UP Politics: मायावती बोलीं- व्यापारी वर्ग आंदोलन को मजबूर, सरकार जीएसटी कलेक्शन बढ़ने पर खुश

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि साथ ही गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई के इस कठिन दौर में लोगों की क्रय शक्ति काफी घट गई है, फिर भी गरीब व मजदूर वर्ग दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर भी जीएसटी की महंगी दर चुकाने को मजबूर है.

By Sanjay Singh | December 14, 2022 11:19 AM

Lucknow: बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने जीएसटी सर्वे और छापेमारी को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. मायावती ने कहा कि व्यापारी वर्ग इससे पीड़ित होकर आंदोलन को मजबूर है. लेकिन, सरकार का कोई फर्क नहीं पड़ रहा है, वह अपना खजाना भरने से निश्चिंत है. ऐसे में मामले का निवारण जरूरी है.

सरकार की गलत नीतियों का परिणाम भुगत रहे व्यापारी

बसपा सुप्रीमो ने बुधवार को ट्वीट किया कि सरकार की गलत नीतियों व कार्यशैली आदि का ही परिणाम है कि पहले से ही नए जीएसटी राज के जंजाल से पीड़ित व्यापारी वर्ग अब यूपी में भी जीएसटी सर्वे-छापेमारी से तंग व दुःखी होकर बाजार बंद एवं आंदोलन करने को मजबूर हो रहे हैं, जिसका निवारण जरूरी है.

गरीबी-महंगाई से लोगों की क्रय शक्ति हुई कम

उन्होंने कहा कि साथ ही गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई के इस कठिन दौर में लोगों की क्रय शक्ति काफी घट गई है, फिर भी गरीब व मजदूर वर्ग दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर भी जीएसटी की महंगी दर चुकाने को मजबूर है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद सरकार निश्चिन्त है कि उसका जीएसटी कलेक्शन बढ़ रहा है, क्या ऐसी सोच उचित, जनहितैषी?

चीन के सैनिकों से संघर्ष पर जताई थी चिंता

बसपा सुप्रीमो ने इससे पहले मंगलवार को भारत व चीन सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुए संघर्ष पर चिंता जताई थी. उन्होंने कहा कि इस पर तुरंत काबू पाना जरूरी है.

कूटनीतिक तरीका अपनाने की दी सलाह

मायावती ने ट्वीट कर कहा कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन की सेना के बीच खूनी संघर्ष और उसमें कई सैनिकों के घायल होने की खबर अति-दुःखद व चिन्तनीय है. यूक्रेन युद्ध के परिणामों से पीड़ित एवं सहमी दुनिया में भारत-चीन सेना के बीच नए संघर्ष पर तुरंत कूटनीतिक तरीके से काबू पाना जरूरी है.

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सेना ने किया सराहनीय कार्य

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने चीन के साथ ताजा मामले में भी एक बार फिर जैसे को तैसा मुंहतोड़ जवाब देकर अपनी प्रसिद्धि के अनुरूप कार्य किया है, जो सराहनीय है. अब सरकार की जिम्मेदारी है कि अपनी कुटनीतिक कुशलता का परिचय दे, यही देश को उम्मीद है. अपनी इंटेलीजेंस को भी और मजबूत बनाना होगा.

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