Lucknow News: यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एक ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का स्वागत किया है. दरअसल, सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को विवादित बयान देने के बाद भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से हटाई गई नुपुर शर्मा को जमकर फटकार लगाई है. कोर्ट की इसी टिप्पणी पर मायावती ने अपना बयान जारी किया है.
1. माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा नूपुर शर्मा के विरुद्ध आज लिए गए सख़्त स्टैण्ड तथा अपने भड़काऊ बयान से देश को हिंसक माहौल में झोंकने हेतु उनसे माफी माँगने का निर्देश उन सभी के लिए ज़रूरी सबक है जो देश को साम्प्रदायिकता की आग में झोंक कर अपनी राजनीति चमका रहे हैं। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) July 1, 2022
बसपा प्रमुख मायावती ने अपने आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से लिखा है, ‘माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा नुपुर शर्मा के विरुद्ध आज लिए गए सख्त स्टैंड तथा अपने भड़काऊ बयान से देश को हिंसक माहौल में झोंकने हेतु उनसे माफी मांगने का निर्देश उन सभी के लिए जरूरी सबक है जो देश को साम्प्रदायिकता की आग में झोंककर अपनी राजनीति चमका रहे हैं. साथ ही, नफरती भाषण के लिए नुपुर शर्मा के विरुद्ध एफआईआर होने के बावजूद पुलिस द्वारा उनके प्रति निष्क्रिय रवैये का भी माननीय कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने से संभव है कि आगे इस प्रकार की प्रवृति पर थोड़ा रोक लगे.’
सुप्रीम कोर्ट ने नुपुर शर्मा की ओर से दाखिल की गई याचिका की सुनवाई करते हुए शुक्रवार को कहा कि इस प्रकार के बयान देने से उनका क्या मतलब है? इन बयानों के कारण देश में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं. ये लोग धार्मिक नहीं हैं. वे अन्य धर्मों का सम्मान नहीं करते. ये टिप्पणियां या तो सस्ता प्रचार पाने के लिए की गईं अथवा किसी राजनीतिक एजेंडे या घृणित गतिविधि के तहत की गईं. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि जब आप किसी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हैं तो उस शख्स को गिरफ्तार कर लिया जाता है लेकिन इस मामले में आपके ऊपर किसी ने कोई कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं की, जो आपका दबदबा दर्शाता है. निलंबित भाजपा नेता नुपुर शर्मा ने अपनी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकी को जांच के लिए दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.