Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली के मोहनपुर गांव स्थित नगर निगम का मॉर्डन स्लाटर हाउस 40 दिन से बंद है. जिसके चलते बरेली मंडल की 1100 दुकान बंद हैं.इससे मीट की सप्लाई नहीं हो रही है.रोजी रोटी छीनने से खफा मीट दुकानदारों ने बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाई है. यह दुकानदार एक-दो दिन में ही नगर निगम और कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करेंगे.
शहर से लेकर देहात और बरेली मंडल में मीट की 1100 से अधिक दुकान हैं. इनको नगर निगम की पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के तहत मारिया फ्रोजन एग्रो फूड प्राइवेट लिमिटेड से मीट की सप्लाई होती है. मगर, पिछले वर्ष 29 नवंबर की शाम से प्रदूषण विभाग (पॉल्यूशन डिपार्टमेंट) के प्रमुख सचिव मनोज कुमार ने फैक्ट्री के स्लाइटर हाउस को सीज करने का पत्र जारी किया था. इस मामले में फैक्ट्री प्रबंधन को कोई नोटिस भी नहीं दिया गया. बिना प्रबंधन का पक्ष सुने ही कार्रवाई कर दी गई.
इससे मीट फैक्ट्री में रात में ही मीट प्रोसेसिंग बंद हो गई थी, जिसके चलते एक दिसंबर से बरेली मंडल की करीब 1100 मीट की दुकान पर मीट की सप्लाई (भैंस-भैंसा के गोश्त की आपूर्ति) बंद हो गई. इससे 40 दिन से लोगों को मीट नहीं मिल रहा है, जबकि एक बड़ी आबादी मीट खाती है. जिसके चलते सब्जियों की मांग कम रहती है. मगर, एक दिसंबर से दुकानों पर मीट की सप्लाई न होने से इस बड़ी आबादी ने भी सब्जियों की तरफ रुख किया है.
इससे सब्जियों में कमी आई है. इसके साथ ही सब्जियों की मांग बढ़ने से दाम भी बढ़े हैं. मारिया फ्रोजन कंपनी के करीब 2000 कर्मचारी, 1100 दुकानदार, दुकान पर काम करने वाले 4000 कर्मचारी और वफैलो एनिमल्स, मीट आदि की सप्लाई करने वाले हजारों लोग बेरोजगार हैं. हजारों परिवारों के सामने रोजी रोटी की दिक्कत आ गई है.
नदीम कुरैशी का कहना है कि, मुख्यमंत्री पसमांदा समाज को जोड़ने की बात करते हैं, लेकिन बरेली में पसमांदा समाज की रोजी रोटी छीन ली है. बेरोजगारी दूर करने को दुनिया भर में सरकार के मंत्री निवेश को घूम रहे हैं. मगर, बरेली में मीट फैक्ट्री बंद कर 30 हजार से अधिक लोगों को बेरजोगर कर दिया है. फैक्ट्री जल्द न खुलने पर आंदोलन की बात कही.
नगर निगम के मारिया फ्रोजन एग्रो फूड प्राइवेट लिमिटेड से मीट की सप्लाई होती थी. मगर, यह बंद होने से मीट के शौकीन और कुछ लोग अवैध कटान कर रहे हैं, जिसके चलते कई बार अवैध कटान करने वाली जगह पर पशुओं के अवशेष मिलने से हिंदू संगठनों ने नाराजगी जताई है.
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नगर निगम और मारिया फ्रोजन फूड इंडस्ट्रीज लिमिटेड कंपनी का पीपीपी के तहत मॉर्डन स्लाटर हाउस है. मगर, मारिया फ्रोजन कंपनी नगर निगम को हर वर्ष करीब 4 करोड़ और हर जानवर पर फीस देता है. इससे नगर निगम को करीब 5 करोड़ रूपये की राशि आती है. मगर, यह भी बंद हो गई है.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद बरेली