Gorakhpur News: रेलकर्मी और उनके स्वजनों के लिए राहत भरी खबर है. अब रेलकर्मी व उनके आश्रित स्वजन गंभीर बीमारी होने पर मेदांता में भी कैशलेस इलाज करा सकेंगे. रेल अस्पताल प्रबंधन ने अपने पैनल में मेदांता को शामिल किया है. रेल प्रशासन अपने रेलकर्मियों की सुविधा के लिए गोरखपुर सहित देश के 11 प्रमुख निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध कर दिया है. इसके अलावा कुछ प्रमुख जांच केंद्र भी इस सूची में शामिल हैं.
गोरखपुर स्थित ललित नारायण मिश्र केंद्रीय रेलवे अस्पताल से संबंधित कर्मी व उनके आश्रित स्वजन के लिए राहत भरी खबर है. अब वह गंभीर बीमारी होने पर मेदांता में भी कैशलेस इलाज करा सकेंगे. रेलवे अस्पताल प्रबंधन ने अपने पैनल में मेदांता को दोबारा शामिल किया है. इलाज के लिए यह सुविधा 30 सितंबर 2023 तक मिलेगी. रेलवे अस्पताल प्रबंधन इलाज के लिए अपने रेलकर्मियों और उनके स्वजन को सूची में शामिल अस्पतालों को रेफर करता रहता है. रेफर होने के बाद रेलकर्मी और उनके स्वजन का कैशलेस इलाज होता है.
रेलवे अस्पताल प्रबंधन इलाज और जांच के लिए सूचीबद्ध निजी अस्पतालों के अलावा पीजीआई और केजीएमयू सहित सरकार के अधीन आने वाले प्रदेश और देश के प्रमुख अस्पतालों में भी कैशलेस इलाज के लिए बीमारों को रेफर करता रहता है. रेलवे अस्पताल के पैनल से मेदांता अस्पताल बाहर हो जाने से रेलकर्मियों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. इसको लेकर रेलवे कर्मचारी संगठनों में काफी गुस्सा भी था. वह लोग लगातार मेदांता को पैनल में शामिल करने की मांग कर रहे थे. अब दुबारा पैनल में मेदांता शामिल हो जाने पर एनई रेलवे मजदूर यूनियन ने भी प्रसन्नता जताई है.
रिपोर्ट : कुमार प्रदीप