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UP : अस्पताल ने मुस्लिमों को बिना कोरोना टेस्ट के भर्ती नहीं करने का दिया था विज्ञापन, पुलिस ने दर्ज किया केस

उत्तर प्रदेश के मेरठ में पुलिस ने एक कैंसर अस्पताल के मालिक पर केस दर्ज किया है. मेरठ के कैंसर हॉस्पिटल की ओर से कोविड टेस्ट के बिना मुस्लिम समुदाय के लोगों को भर्ती न करने के विज्ञापन के बाद अब पुलिस ने अस्पताल के मालिका के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मेरठ में पुलिस ने एक कैंसर अस्पताल के मालिक पर केस दर्ज किया है. मेरठ के कैंसर हॉस्पिटल की ओर से कोविड टेस्ट के बिना मुस्लिम समुदाय के लोगों को भर्ती न करने के विज्ञापन के बाद अब पुलिस ने अस्पताल के मालिका के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इस विज्ञापन पर मेरठ पुलिस का कहना है कि इससे इलाके में हालात बिगड़ सकते हैं. फिलहाल के पुलिस अस्पताल के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है.

इंडियन एक्सप्रेस के रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल के मालिक डॉ. अमित जैन ने कहा कि विज्ञापन सांप्रदायिक नहीं था और इसके बजाय उन्होंने एक साजिश का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि एक गलत संदेश टाइपिंग एरर हुआ है या फिर मिसप्रिंट के चलते ऐसा हुआ है. जैन ने कहा कि उनका उद्देश्य केवल कोरोना के टेस्ट को बढ़ावा देना था.वहीं मेरठ के एसएसपी अजय साहनी ने कहा कि पुलिस को पता चला कि विज्ञापन के माध्यम से इलाके का एक अस्पताल अल्पसंख्यक समुदाय के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहा है जिससे अशांति फैल सकती है. अस्पताल मालिक पर केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है.

बता दें कि विज्ञापन में कहा गया कि कई मुस्लिम रोगी दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं (जैसे कि मास्क आदि का उपयोग करना) और वे अस्पताल के कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार भी कर रहे हैं. अस्पताल के कर्मचारियों और मरीजों की सुरक्षा के लिए, अस्पताल प्रशासन सभी नए मुस्लिम रोगियों से अनुरोध करता है कि वे और एक निर्दिष्ट देखभालकर्ता, कोरोनवायरस के लिए परीक्षण करें और केवल तभी अस्पताल जाएँ जब उनकी रिपोर्ट नकारात्मक हो. तबलीगी जमात का भी जिक्र करते हुए कहा गया है कि दिल्ली में पिछले महीने कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने के पीछे जमात के लोगों का इकट्ठा होना रहा है. इसमें कहा गया है कि “मुस्लिम डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, जजों, पुलिस अधिकारियों, शियाओं और मुसलमानों के लिए नियम लागू नहीं होते हैं.

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