मंत्री रविन्द्र जायसवाल तीसरी बार CM राहत कोष में जमा करेंगे 5 साल का वेतन, अपर मुख्य सचिव को सौंपा पत्र
योगी सरकार में मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने तीसरी बार अपने वेतन को जनता के लिए सीएम पीड़ित राहत कोष में जमा करने का फैसला लिया है. यह सराहनीय योगदान वे पिछली दो बार से विधानसभा के सदस्य निर्वाचित होने के बाद करते आ रहे हैं.
Varanasi News: वाराणसी शहर उत्तरी विधानसभा के विधायक और योगी सरकार में मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने अपने वेतन को जनता के लिए मुख्यमंत्री पीड़ित राहत कोष में जमा करने का फैसला लिया है. यह सराहनीय योगदान वे पिछली दो बार से विधानसभा के सदस्य निर्वाचित होने के बाद करते आ रहे हैं.
तीसरी बार जन कल्याण के नाम किया वेतन
तीसरी बार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद उन्होंने इस परंपरा का पालन करते हुए अपना वेतन जनता के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री पीड़ित राहत कोष में जमा करा दिया. रवींद्र जायसवाल इस बार योगी मंत्रिमंडल में स्टांप एवं न्यायलय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं. उन्होंने इससे संबंधित अपना सहमति पत्र यूपी के सचिवालय के अपर मुख्य सचिव को सौंपा है.
मंत्री ने सचिवालय के अपर मुख्य सचिव को सौंपा पत्र
रविंद्र जायसवाल द्वारा पांच साल तक वेतन नहीं लेने के इस फ़ैसले की हर तरफ़ सराहना हो रही हैं. मंत्री जायसवाल ने अपने सहमति पत्र में लिखा है कि ’18वीं विधानसभा (2022-2027) में लगातार तीसरी बार वाराणसी उत्तर विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुआ हूं. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिपरिषद में लगातार दूसरी बार मंत्री नियुक्त हुआ हूं. मैं अपने वेतन के मद में प्राप्त होने वाली राशि को पुनः जनकल्याण के लिए मुख्यमंत्री पीड़ित राहत कोष में जमा करने के लिए संकल्पित हूं.’ ये सहमति पत्र उन्होंने यूपी के सचिवालय के अपर मुख्य सचिव को सौंपा है.
जन कल्याण के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं मंत्री
रवींद्र जायसवाल पहली बार 16वीं विधानसभा (2012-2017) के सदस्य के रूप में वाराणसी उत्तर विधानसभा क्षेत्र से चुने गए थे. इसके बाद वह 17वीं विधानसभा (2017-2022) के सदस्य के रूप में वाराणसी उत्तर विधानसभा से दोबारा चुने गए. वर्ष 2019 में मंत्रिपरिषद में मंत्री नियुक्त हुए थे. जनता के कल्याण के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले रविन्द्र जायसवाल के इस क़दम से अन्य मंत्री और विधायकों को भी प्रेरणा लेकर इस बारे में सोचना चाहिए.
रिपोर्ट- विपिन सिंह