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Kanpur: ‘सिंदूर सजा बन गया…जी भर के रो भी न सकी,’ 17 महीने शव के साथ रहने वाली मिताली ने बयां किया दर्द

कोऑपरेटिव बैंक की मैनेजर मिताली दीक्षित को पता था, कि उनके पति की मौत हो चुकी है. इसके बाद भी उन्होंने सिंदूर लगाना बंद नहीं किया, जिसके एक नहीं बल्कि काई कारण थे. उन्होंने पुलिस को दिए बयान में अपनी पीड़ा को बयां किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 30, 2022 1:50 PM

Kanpur News: दुनिया में ‘मां’ की ममता के आगे कोई प्रेम नहीं टिकता, और मां से ज्यादा प्यार औलाद को कोई कर भी नहीं सकता है. यही कारण है कि एक मां ने अपने 17 महीने से मृत पड़े बेटे को जिंदा समझकर उसे अपने बीच रखा, और मां के प्रेम के आगे मृतक की पत्नी भी कुछ न कर सकी, हालांकि, पत्नी को पता था कि उसका पति अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन वो बेबस थी, हार चुकी थी, अपने सास-ससुर का उनके बेटे के प्रति प्रेम देखकर…

दोनों को यकीन था उनका बेटा जिंदा है

एक तरफ मां के लिए उनका बेटा जिंदा था, तो वहीं दूसरी ओर पिता को भी अपने बेटे के शरीर में धड़कन महसूस हो रही थी. दोनों के लिए उनका बेटा मरा नहीं था, बस आराम कर रहा था. दरअसल, मृतक की पत्नी ने उस वक्त अपना दर्द बयां किया, जब मामले की जांच के लिए पुलिस अफसर उनके घर पहुंचे.

खुशहाल परिवार पर आफत बनकर टूटा कोरोना

दरअसल, कोऑपरेटिव बैंक की मैनेजर और विमलेश की पत्नी मिताली दीक्षित का सात साल पहले विमलेश से प्रेम विवाह हुआ था. मृतक विमलेश और मिताली के दो बच्चे हुए और जीवन में वो सब कुछ था जो एक खुशहाल परिवार में होता है. फिर अचानक उनके परिवार को कोरोना महामारी की नजर लग गई. अप्रैल 2021 में मिताली के पति का कोरोना से निधन हो गया. इस निधन ने परिवार के खुशहाल जीवन को भी तहस-नहस कर दिया. मिताली ने अपने बयान में कहा कि, ‘मुझे पता था कि उनकी सांसें साथ छोड़ चुकी हैं. मैं सुहागन नहीं रही लेकिन क्या करती. उनकी मां के लिए वो जिंदा थे. पापा को उनके सीने में धड़कन महसूस हो रही थी. उनके इस भरोसे ने मुझे मजबूर कर दिया.

उन्होंने आगे बताया कि, ‘क्या कहती कि, उनके बेटे का निधन हो चुका है? मैं तो महीनों तक उस सुहाग के नाम का सिंदूर लगाती रही, जो गुजर चुका था. सोचिए मांग भरते हुए मैं कितनी बार मरी होऊंगी? मेरे हालात ने मुझे जी भरकर रोने भी न दिया. बच्चे कहते थे-पापा को उठाओ मां. मैं अंदर जाकर रो लेती थी. मेरी इस बदनसीबी की जांच करनी है तो कर लीजिए. उन्हें जिंदा समझकर हमने क्या गुनाह कर डाला…?’

दरअसल, 17 महीने तक लाश को घर में रखने के मामले में पुलिस अफसर जांच कर रहे हैं. म्रतक विमलेश की पत्नी मिताली का बयान दस्तावेजों पर दर्ज किया गया. पुलिस अफसरों ने मिताली का जो बयान दर्ज किया है, उसमें बेइंतहा दर्द छिपा है. बयान में मिताली ने कहा कि विमलेश की मां को उनका बेटा जिंदा लग रहा था, पिता और भाई भी मां की आंखों से उन्हें देख रहे थे, बताइए मैं क्या करती? क्या बेटे को जिंदा समझने वाली मां के आगे अपनी चूड़ियां तोड़ लेती? सिंदूर हटा लेती? मेरे लिए तो इन 17 महीनों में सिंदूर सजा बन गया था.

मिताली ने आगे कहा कि, ‘मैं दुनिया से विमलेश की मौत का सच छिपाए रही. पर क्यों? क्या कोई लालच था? उनके ऑफिस में पूछ लीजिए हमने उनकी तनख्वाह, मेडिकल या किसी तरह का कोई क्लेम किया है क्या? वहीं पुलिस द्वारा हुई जांच में साफ हो चुका है कि इस परिवार ने ऐसा कोई क्लेम नहीं किया. संयुक्त पुलिस कमिश्नर आनद प्रकाश तिवारी ने बताया कि मिताली समेत पूरे परिवार का बयान दर्ज होने के बाद बाकी तथ्यों की जांच की जा रही है.

रिपोर्ट- आयुष तिवारी, कानपुर

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