Varanasi News: वाराणसी में हनुमान जी को समर्पित संकट मोचन संगीत समारोह पूरे विश्व में विख्यात है. कोरोना के बावजूद पिछले दो वर्षों से संगीत समारोह की परंपरा टूटी नहीं है. इस दौरान महंत प्रोफेसर विश्वम्भरनाथ मिश्र ने वर्चुअली माध्यम से हनुमान जी को संगीत सुनवाया.
संगीतमय यात्रा में देश के जाने-माने कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे. ड्रमर शिवमणि की प्रस्तुति की शुरुआस से होगी. यू राजेश मैंडोलिन के साथ जुगलबंदी करेंगे. इस बार संगीत समारोह स्व. पं. जसराज और स्व. पं. राजन मिश्र की स्मृतियों को समर्पित रहेगा. संगीत साधक 20 से 25 अप्रैल तक छह दिवसीय संगीतमय यात्रा में शामिल होकर हनुमानजी की संगीत साधना करेंगे. समारोह में प्रतिदिन सात से अधिक कलाकारों की प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र रहेंगी, इसमें 15 से ज्यादा पद्म पुरस्कार से सम्मानित हस्तियां शामिल हैं.
युवा कलाकारों को भी इस बार भरपूर जगह देने का प्रयास किया गया है, ताकि संगीत का भविष्य भी उज्ज्वल रहे. इसके अलावा पिछले 2 वर्षों में जिन भी कलाकारों ने ऑनलाइन हनुमान जी महाराज को संगीत सुनाया था. उन्हें भी वरीयता दी गई है. पहले दिन के कार्यक्रम का विश्राम गायन से पंडित साजन मिश्र, स्वरांश मिश्र, राजेश मिश्र, विनय मिश्र, विनायक सहाय करेंगे. इस बार साजन मिश्र के साथ पंडित राजन मिश्र की कमी खलेगी. पहले दिन कुल आठ प्रस्तुतियां होंगी.
संकट मोचन संगीत समारोह के इतिहास में पहली बार पं. राजन के बिना पं. साजन मिश्र प्रस्तुति देंगे. पं. विश्वमोहन भट्ट, पं. उल्साह कसालकर, अनूप जलोटा, रोनू मजूमदार, मालिनी अवस्थी, नीलाद्री कुमार, कलापिनी कोमकली, रतिकांत महापात्र और कविता कृष्णमूर्ति भी हनुमत दरबार में हाजिरी लगाएंगे. संगीतमय प्रस्तुति प्रतिदिन शाम सात बजे से शुरू होकर अगले दिन भोर तक चलेगी.
हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में मंदिर परिसर में मंगलवार को रामायण सम्मेलन का आयोजन किया गया हैं। हनुमान दरबार में संगीत के साथ कला दीर्घा में भी इस बार बेहतरीन तैयारी की गई है। कोरोना कॉल में जो महान कलाकार जैसे पंडित जसराज जी, पंडित राजन जी, विरजु महराज, देबू चौधरी, प्रतीक चौधरी के 8 फुट के कटआउट लगाए जा रहे है।
इसके अलावा संकटमोचन संगीत समारोह के शुरुआत से जुड़े रहे पंडित गोपाल जी के भी कटआउट बनाये जा रहे है। प्रोफेसर विजयनाथ मिश्र ने बताया कि कला दीर्घा इस बार ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ को समर्पित है। छह दिनों में काशी विद्यापीठ के दृश्य कला संकाय के विभागाध्यक्ष सुनील विश्वकर्मा और अनिल शर्मा के नेतृत्व में काशी के कलाकार उन स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरें उकेरेंगे जो गुमनाम है, उनके भी तस्वीर कल्पनाओं से उकेरने का प्रयास है जिनकी कथाएं तो मिलती है मगर तस्वीर नहीं।
रिपोर्ट- विपिन सिंह