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UP News: यूपी में 6 हजार से अधिक एससी बहुल गांवों की बदलेगी तस्वीर, आदर्श ग्राम के रूप में होंगे विकसित

उत्तर प्रदेश में जल्द ही 6 हजार से अधिक अनुसूचित जाति बहुल गांवों की तस्वीर बदलने जा रही हैं. इन सभी गांव को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा. इन गावों में सरकार द्वारा विकास कार्य कराए जाएंगे और प्रत्येक चयनित गांव को 20 लाख रुपये की राशि वितरित की जाएगी.

By Prabhat Khabar News Desk | September 12, 2022 10:14 AM

Lucknow News: उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष और राज्य मंत्री लालजी प्रसाद निर्मल (Lalji Prasad Nirmal) ने रविवार को कहा कि राज्य में अनुसूचित जाति समुदाय (SC community) के सदस्यों के वर्चस्व वाले 6,171 गांवों को आदर्श गांव (model villages) के रूप में विकसित किया जाएगा.

आदर्श ग्राम में चयनित गांव को मिलेगी 20 लाख रुपये की राशि

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महत्वाकांक्षी योजनाओं को जमीनी स्तर पर लाकर दलितों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. दलितों के उत्थान के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में अनुसूचित जाति बहुल कम से कम 6,171 गांवों को आदर्श ग्राम बनाया जाएगा. सरकार द्वारा विकास कार्य कराए जाएंगे और प्रत्येक चयनित गांव को 20 लाख रुपये की राशि वितरित की जाएगी. शेष विकास कार्य विभिन्न विभागों के माध्यम से किए जाएंगे.

छह नए छात्रावासों का किया जाएगा निर्माण

उन्होंने कहा कि दलितों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए केंद्र और यूपी सरकार ने प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम-अजय) शुरू की थी. यह अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों के लोगों के बीच दलित होने की वर्जना को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो वर्षों से तीखी टिप्पणियों का खामियाजा भुगत रहे हैं. निर्मल ने कहा कि प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अब उदय योजना के तहत राज्य में बाबू जगजीवन राम के नाम पर छह नए छात्रावासों का निर्माण किया जाएगा और 261 समान छात्रावासों में मरम्मत कार्य किया जाएगा.

100 सहपाठियों की क्षमता वाले छात्रावासों के लिए 10 लाख रुपये

छात्रावास निर्माण के लिए 3 लाख रुपए प्रति निवासी का खर्च सरकार वहन करेगी. फर्नीचर के लिए 5000 रुपए प्रति की दर से पैसा उपलब्ध कराया जाएगा. बालिका छात्रावास निर्माण के लिए प्राथमिकता दी जाएगी. उन क्षेत्रों में जहां लड़कियों की साक्षरता दर कम है. पुराने छात्रावासों के जीर्णोद्धार में 50 सहवासियों की क्षमता वाले छात्रावासों के लिए 5 लाख रुपये, 100 सहपाठियों की क्षमता वाले छात्रावासों के लिए 10 लाख रुपये तथा 150 सहवासियों की क्षमता वाली सुविधाओं के लिए 15 लाख रुपये दिए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि, अब तक यूपी अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम के तहत योजनाओं की वार्षिक आय सीमा ग्रामीण क्षेत्रों में 47,080 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 56,460 रुपये थी. अनुदान की राशि 10,000 रुपये निर्धारित की गई थी. ​​लाभार्थियों के लिए वार्षिक आय सीमा को बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये प्रति वर्ष कर दिया गया, जिसे अनुदान की राशि 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई.

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