ADR Report : उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच एसोसिएशन फ़ॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के छठें चरण में चुनाव लड़ने वाले 676 में से 670 उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया है, जो 57 निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे हैं. छठें चरण में उम्मीदवारों द्वारा घोषित गंभीर आपराधिक मामलों में पहले स्थान पर बहुजन समाज पार्टी (BSP) से सुधीर सिंह हैं, जो गोरखपुर के सहजनवा विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं.
एडीआर (ADR) ने छठें चरण में चुनाव लड़ने वाले 676 में से 670 उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया है जो 57 निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं 6 उम्मीदवारों का शपथपत्र स्पष्ट ना होने के कारण उनका विष्लेषण नहीं किया जा सका. उम्मीदवारों द्वारा घोषित आपराधिक मामले 670 में से 182 (27 फीसदी) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. वहीं गंभीर आपराधिक मामले 151 (23 फीसदी) हैं.
उम्मीदवारों द्वारा घोषित आपराधिक मामले दलवार इस प्रकार है- समाजवादी पार्टी के 48 में से 40 (83 फीसदी ), बीजेपी के 52 में से 23 (44 फीसदी), कांग्रेस के 56 में से 22 (39 फीसदी ) बसपा के 57 में से 22 (39 फीसदी), और 51 में से 7 (14 फीसदी) आप पार्टी के उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
छठें चरण में उम्मीदवारों द्वारा घोषित गंभीर आपराधिक मामलों में पहले स्थान पर बहुजन समाज पार्टी से सुधीर सिंह हैं जो गोरखपुर के सहजनवा विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं. इनके ऊपर 26 मामले दर्ज हैं (गंभीर धराएं 27), दूसरे स्थान पर कुशीनगर जनपद के खड्डा विधानसभा सीट से सुलाह्देव भारतीय समाज पार्टी के अशोक चौहान हैं, जिनके ऊपर 19 मामले (गंभीर धराएं 23) और तीसरे स्थान पर आज़ाद समाज पार्टी के गोरखपुर विधानसभा क्षेत्र से चन्द्र शेखर हैं, जिनके ऊपर 16 मामले दर्ज (गंभीर धराये 22) हैं.
दरअसल, बसपा प्रत्याशी और गोरखपुर जिले में पिपरौली के पूर्व ब्लॉक प्रमुख और माफिया सुधीर सिंह पर आपराधिक मामलों की एक लंबी लिस्ट है. सहजनवां विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी सुधीर पर हत्या के प्रयास, हत्या आदि आरोप में दर्जनों केस दर्ज हैं. वह गीडा थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है. इसके अलावा जिले के गुंडों की टॉप-10 की लिस्ट में भी शामिल है.
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बसपा प्रत्याशी पर गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की जा चुकी है. इसके अलावा जिला बदर भी किया जा चुका है. शहर और ग्रामीण क्षेत्र के आवास सील किए गए हैं. गाड़ियां भी सीज की गई थीं. इसके अलावा पंचायत चुनाव में माफिया सुधीर सिंह ने पत्नी अंजू सिंह के नाम पर्चा भरवाया था, जिसके बाद जिला प्रशासन ने पर्चा निरस्त करने की कार्रवाई की थी.