Jaunpur News: जौनपुर की तहसील शाहगंज जंक्शन स्थित जीआरपी थाने के सिपाही हत्याकांड मामले में सोमवार को एमपी एमएलए कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया. मामले में दोषी करार आजमगढ़ के पूर्व सांसद रमाकांत यादव के भाई बाहुबली पूर्व सांसद उमाकांत यादव समेत सात आरोपियों को आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जुर्माने की आधी धनराशि पीड़ित पक्ष को देनी होगी.
अपर सत्र न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट शरद कुमार त्रिपाठी ने यह फैसला सुनाया है. बता दें कि कोर्ट ने 6 अगस्त को ही सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था. इसके बाद आज मामले की कोर्ट में दोबारा सुनवाई हुई. करीब 2 बजे से लेकर साढ़े 4 बजे तक सुनवाई चली. कोर्ट ने सभी दलीलों को विस्तार से सुना. उधर, फैसला आने के बाद उमाकांत के समर्थकों में मायूसी देखने को मिली है. 27 साल पहले उमाकांत यादव ने शाहगंज जंक्शन पर जीआरपी चौकी के लॉकअप में बंद अपने ड्राइवर को छुड़ाने के लिए 7 लोगों के साथ जीआरपी पुलिसकर्मियों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं थी. इसमें जीआरपी सिपाही अजय सिंह की मौत हो गई थी.
मामला 4 फरवरी 1995 का है. शाहगंज स्टेशन मास्टर कार्यालय प्लेटफार्म नंबर एक पर बेंच पर बैठने की बात को लेकर कुछ लोग झगड़ा हो गया. उसमें उमाकांत का ड्राइवर राजकुमार भी शामिल था. सूचना पर जीआरपी चौकी के सिपाहियों ने राजकुमार को हिरासत में लिया. इसकी खबर उमाकांत तक पहुंची तो 7 लोगों (गनर बच्चू लाल स्टेनगन(कार्बाइन), पीआरडी जवान सूबेदार, धर्मराज, महेंद्र और सभाजीत) के साथ मौके पर पहुंच गए. ड्राइवर को छुड़ाने के लिए जीआरपी पुलिसकर्मियों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं. इसमें जीआरपी सिपाही अजय सिंह की मौत हो गई, जबकि सिपाही लल्लन सिंह, रेलवे कर्मचारी निर्मल वाटसन और यात्री भरतलाल गोली लगने से जख्मी हो गए.