मोहर्रम के जुलूस को लेकर हाई अलर्ट पर UP पुलिस, सोशल मीडिया पर रहेगी पैनी नजर, अधिकारियों को दिए निर्देश
यूपी में मुहर्रम के अवसर पर 89,035 ताजियों की स्थापना की जायेगी और कुल 34,293 जुलूस प्रस्तावित हैं. सबसे अधिक 36755 ताजिये गोरखपुर जोन में और सबसे अधिक जुलूस 23,015 बरेली जोन में प्रस्तावित हैं. इसके मद्देनजर सभी जिलों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध के निर्देश दिए गये हैं.
Lucknow News: उत्तर प्रदेश में सावन महीने के बीच शुरू हो रहे मुहर्रम के पर्व को लेकर पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड पर है. एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार, मुहर्रम के अवसर पर प्रदेश में 89,035 ताजियों की स्थापना की जाएगी और कुल 34,293 जुलूस प्रस्तावित हैं. सबसे अधिक 36755 ताजिये गोरखपुर जोन में और सबसे अधिक जुलूस 23,015 बरेली जोन में प्रस्तावित हैं. इसके मद्देनजर सभी जिलों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये जाने का निर्देश दिया गया है.
Improved security arrangements on the route of the procession, deployment of bomb disposal squads, checking of vehicles to be done. LIU (Local Intelligence Unit) should be active; Facebook, Whatsapp and Instagram should be monitored: DGP Office
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 1, 2022
डीजीपी कार्यालय ने सख्त निर्देश जारी किए हैं कि, मुहर्रम में कोई नई परंपरा शुरू नहीं होनी चाहिए. कोई भी भड़काऊ, आपत्तिजनक पैम्फलेट न छापने के लिए सभी प्रिंटिंग प्रेस संचालकों से संवाद स्थापित किया जाए. जुलूस के मार्ग पर सुरक्षा के बेहतर इंतजाम, बम निरोधक दस्ते की तैनाती, वाहनों की चेकिंग की जाए. लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) सक्रिय होना चाहिए. फेसबुक, वाट्सएप और इंस्टाग्राम पर होनी चाहिए निगरानी.
प्रदेश में मोहर्रम की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने 11 कंपनियां केंद्रीय पुलिस बल, चार कंपनी आरएएफ, दो कंपनी सीआरपीएफ, दो कंपनी एसएसबी के साथ आईटीबीपी, बीएसएफ और सीआईएसएफ की एक-एक कंपनी दी है. इसके अलावा सभी जिलों के लिए 152 कंपनी पीएसी बल भी लगाया गया. लखनऊ कमिश्नरेट को 12 एएसपी, 34 डीएसपी, 40 इंस्पेक्टर, 175 सब इंस्पेक्टर, 10 महिला सब इंस्पेक्टर, 600 हेड कांस्टेबल/कांस्टेबल और 150 ट्रेनी कांस्टेबल दिए गए.
सावन महीने के बीच शुरू हो रहे मुहर्रम पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पीस कमेटी और धर्मगुरुओं के साथ बैठक कर बातचीत करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा इंटरनेट मीडिया पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश भी गये गए हैं. इसके साथ ही प्रिंटिंग प्रेस संचालकों के साथ बैठक कर आपत्तिजनक सामग्री से संबंधित पोस्टर पंपलेट न प्रिंट करने के बात कही गई है. साथ ही सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से संवेदनशील इलाकों की निगरानी कराई जा रही है.