UP Chunav में योगी आदित्यनाथ और मोदी मैजिक को चुनौती देने आ रहे मुकेश सहनी से Exclusive बातचीत
mueksh sahani exclusive interview: मुकेश सहनी की पार्टी VIP यूपी की 165 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. सहनी लगातार यूपी में निषादों को आक्षण देने की मांग कर रहे हैं. यूपी दौरे पर आए मुकेश सहनी से प्रभात खबर की एक्सक्लूसिव बातचीत.
बिहार की सत्ता में किंगमेकर की भूमिका निभा रहे मंत्री मुकेश सहनी अब यूपी पॉलिटिक्स में दांव अजमा रहे हैं. मुकेश सहनी की पार्टी VIP यूपी की 165 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. सहनी चुनावी तैयारी को लेकर लखनऊ दौरे पर आए हैं. यहां बिहार-यूपी में निषाद आरक्षण सहित कई मुद्दों पर संवाददाता अविनीश मिश्रा ने उनसे बातचीत की.
बिहार की राजनीति में अभी पूरी तरह आपके पांव जमे भी नहीं है, फिर यूपी पॉलिटिक्स में इतनी जल्दी आने की क्या जरूरत थी?
देखिए 2014 में मैं मुंबई से नौकरी और सबकुछ छोड़कर अच्छे दिन लाने के लिए बिहार लौटा. पिछले सात साल से लगातार बिहार में संघर्ष कर रहा हूंं और हमारी पार्टी अभी वहां सरकार में है. यूपी में भी हमारी कोशिश है कि उसी तरह सहयोग से सरकार में आएं. हमारी एक ही मांग है कि सरकार निषाद समुदाय को इग्नोर ना करें, नहीं तो इसका परिणाम भुगतना होगा.
जहां तक निषाद आरक्षण की बात है, योगी सरकार ने केंद्र से सुझाव मांगा है. आप संतुष्ट है?
इस तरह का सुझाव पहली बार नहीं मांगा गया है. 2017 में अखिलेश यादव भी सुझाव मंगा चुके हैं, लेकिन उसका कुछ नहीं हुआ. वर्तमान में केंद्र और राज्य दोनों जगह बीजेपी की सरकार है. पत्र-पत्र खेलने की बजाय सीधे आरक्षण का ऐलान कर दें.
संजय निषाद और उनके समर्थकों का कहना है कि मुकेश सहनी निषादों को गुमराह कर रहे हैं. सहनी पहले बिहार में आरक्षण लागू करवाएं फिर यहां आकर बोलें.
आरक्षण देने का काम मेरा नहीं है. मेरे हाथों में नहीं है. वो केंद्र के हाथों में है और वहीं से आरक्षण मिलेगा. इसके लिए मैं बिहार, यूपी और अन्य राज्यों से निषाद भाइयों को जुटाकर एक साथ संघर्ष करूंगा. जब तक आरक्षण नहीं मिलेगा, तब तक संघर्ष चलता रहेगा.
सत्ताधारी लोग कहते हैं कि जहां यूपी में टैबलेट, स्मार्टफोन, शिक्षा और विकास की बात होनी चाहिए. वहां मुकेश सहनी जाति की बात कर रहे हैं. कास्ट पॉलिटिक्स कर रहे हैं.
कास्ट पॉलिटिक्स शुरू किसने की? दो साल पहले पीएम मोदी ने सवर्ण समुदाय को आरक्षण देने का ऐलान किया. 65,000 रुपये प्रतिमाह से कम कमाने वाले लोगों को सरकार ने आरक्षण दिया है. अब बताइए फिर मल्लाह, बिंद और बाकी निषाद समुदाय को क्यों नहीं मिलना चाहिए. जब आरक्षण दोगे, तो सबको दो. विकास 65,000 वालों का होगा, तो 65,000 कमाने वाले का भी करना होगा.
बिहार में आपके विधायक के निधन से रिक्त सीट पर उपचुनाव होना है. आपको डर है कि यहां मजबूती से लड़ेंगे, तो वहां खेला हो जाएगा?
जिसको खेला करना है करे, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है. हम विधानसभा का यहां पर मजबूती से चुनाव लड़ेंगे. अगर आरक्षण नहीं मिला तो, सिर्फ योगी ही नहीं केंद्र की सरकार को भी उखाड़ कर 2024 में फेंक देंगे. बिहार में उपचुनाव की चिंता नहीं है. विधायक और एमएलसी बनने नहीं आए हैं.
आपको लगता है बिहार में एनडीए के दल जैसे कि बीजेपी और जेडीयू आगामी उपचुनाव में आपका समर्थन करेंगे?
देखिए, बोचहां हमारी सीट है और वहां हम कैंडिडेट उतारेंगे, जिसको समर्थन देना है, देगा. नहीं देना होगा, तो अकेले लड़ेंगे. बाकी का जवाब बाद में देंगे.
यूपी में निषाद वोटर्स की संख्या तो है, लेकिन सीट जीतने के लिए अन्य जातियों का समर्थन भी जरूरी है. क्या इसके लिए कांग्रेस और सपा से गठबंधन हो सकता है?
नहीं. हम लोग अकेले 165 सीटों पर लड़ेंगे, जिसमें पूर्वांचल पर खास फोकस है. किसी से गठबंधन करने का कोई इरादा नहीं है. हां अगर कोई प्रपोजल आएगा, तो पार्टी विचार करेगी.