Mulayam Singh Yadav: मुलायम सिंह ने सपा की स्थापना के 4 महीने बाद ही बना ली थी सरकार, विरोधी रह गए हैरान

Mulayam Singh Yadav Death: मुलायम सिंह यादव हमेशा बड़े फैसले लेते थे. इसका एक उदाहरण ये भी है कि उन्होंने 4 अक्टूबर 1992 को अचानक पुराने दल को छोड़कर समाजवादी पार्टी (सपा) बनाने की घोषणा कर सबको चौका दिया था.

By Sohit Kumar | October 10, 2022 2:54 PM
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Bareilly News: सपा के संस्थापक पूर्व मुख्यमंत्री एवं रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादवulayam Singh Yadav Death) का सोमवार सुबह निधन हो गया. उनके निधन की खबर सुनकर हर कोई अफसोस में है. सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव कद में भले ही छोटे थे. मगर, वह हमेशा बड़े फैसले लेते थे. इसका एक उदाहरण ये भी है कि उन्होंने 4 अक्टूबर 1992 को अचानक पुराने दल को छोड़कर समाजवादी पार्टी (सपा) बनाने की घोषणा कर सबको चौका दिया था.

बसपा के गठबंधन से हासिल किया बहुमत

उस वक्त यह देश का बड़ा फैसला था. इससे हर कोई हैरत में था. नई पार्टी की स्थापना के 4 महीने बाद 1993 विधानसभा चुनाव में बसपा के गठबंधन से बहुमत हासिल कर चौंकाया. यूपी की 12वीं विधानसभा चुनाव में बरेली की 9 में से 7 सीट पर जीत दर्ज कर बसपा के सहयोग से सरकार बनाकर विरोधियों को हैरत में डाल दिया, और फिर दूसरी बार मुख्यमंत्री बन गए थे.

3 विधायकों के काट दिए थे टिकट

नेताजी ने बरेली कैंट से विधायक प्रवीण सिंह ऐरन, फरीदपुर से सियाराम और कांवर (मीरगंज) से शराफत यार खां का टिकट काटकर सबको चौका दिया था.1996 में प्रवीण सिंह ऐरन की जगह अशफाक अहमद को, फरीदपुर में सियाराम की जगह भाजपा के नंदराम को टिकट दिया. इस चुनाव में अशफाक अहमद एमएलए और नंदराम चुनाव जीत गए, जबकि मीरगंज में विधायक शराफत यार खां की जगह सुल्तान बेग को मौका दिया गया. मगर, वह यह चुनाव हार गए थे.

13वीं विधानसभा चुनाव में सपा को सिर्फ तीन सीट

अगले विधानसभा चुनाव यानी 1996 के चुनाव में बरेली में सपा को 3 सीट मिली. वह सात की बजाय मात्र तीन सीट पर ही सिमट गए. मगर, इस चुनाव में नवाबगंज सीट पर मास्टर छोटेलाल गंगवार ने भाजपा के भगवत शरण गंगवार को हराया था.

2002 के चुनाव में भी काट दिए 3 एमएलए के टिकट

नेताजी मुलायम सिंह यादव ने 1996 के बाद 2002 के चुनाव में तीनों विधायक के टिकट काट दिए. इस चुनाव में नबावगंज में मास्टर छोटेलाल गंगवार से चुनाव हारने वाले भगवत शरण गंगवार को टिकट दिया. फरीदपुर में नंदराम से हारने वाले सियाराम सागर को और बरेली कैंट में अशफाक अहमद एमएलए की जगह उनके पोते शहजिल इस्लाम को समर्थन किया. यह तीनों ही चुनाव जीत गए. इसके साथ ही मीरगंज में सुल्तान बेग और बहेड़ी में मंजूर अहमद भी चुनाव जीत गए.सपा को 1992 विधानसभा चुनाव में बरेली को नौ में से पांच सीट मिली थीं.

1993 में ये थे सपा के विधायक

सपा की स्थापना के बाद बरेली में 9 में 7 सीट पर जीत का परचम फहराया था.इस चुनाव में बरेली कैंट से प्रवीण सिंह ऐरन, फरीदपुर से सियाराम सागर, आंवला से महिपाल सिंह यादव, कांवर (मीरगंज) से शराफत यार खां, भोजीपुरा से हरीश कुमार गंगवार, बहेड़ी से मंजूर अहमद, सन्हा (बिथरी चैनपुर) से कुंवर सर्वराज सिंह विधायक बने थे.

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रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद, बरेली

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