Mulayam Singh Yadav: राम गोपाल और शिवपाल ने दी मुलायम सिंह को श्रद्धांजलि, फूट-फूटकर रोए धर्मेंद्र यादव

Mulayam Singh Yadav Funeral Live Updates: मुलायम सिंह यादव का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिये सैफई मेला ग्राउंड में रखा गया. दोपहर करीब 3 बजे उनका अंतिम संस्कार होगा. मुलायम सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री सैफई पहुंच रहे हैं.

By Sohit Kumar | October 11, 2022 3:06 PM

Mulayam Singh Yadav Funeral Live Updates: मुलायम सिंह यादव का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिये सैफई मेला ग्राउंड में रखा गया. दोपहर करीब 3 बजे उनका अंतिम संस्कार होगा. शिवपाल यादव और रामगोपाल यादव ने मुलायम सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान मुलायम सिंह के भतीजे धर्मेंद यादव काफी भावुक हो गए, और फूट-फूटकर रोते नजर आए.

मुलायम सिंह के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब

सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव का पार्थिव शरीर मेला ग्राउंड पहुंच गया है. इस दौरान अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा है. हालांकि, व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है. दरअसल, समाजवादी पार्टी (सपा) सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के पार्थिव शरीर को इटावा के सैफई के नुमाइश ग्राउंड में लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है. उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

ये दिग्गज नेता मुलायम सिंह के अंतिम संस्कार में होंगे शामिल

समाजवादी पार्टी के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का आज दोपहर 3 बजे सैफई में अंतिम संस्कार होगा. ऐसे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, डिप्टी सीएम केशव मौर्य, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत भी सैफई पहुंचेंगे.

Also Read: Mulayam Singh: शिकोहाबाद के इस गांव में पले बढ़े मुलायम सिंह, दोस्तों संग खेलते और खाते थे मक्के की रोटी
मुलायम सिंह यादव ने 83 वर्ष की आयु में कहा अलविदा

मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav Death) का 83 वर्ष की आयु में 10 अक्टूबर को निधन हो गया. उनमें सियासी हवा को भांपने की गजब क्षमता थी. वह जिस बैकग्राउंड से राजनीति में आए और मजबूत होते चले गए. उसमें उनकी सूझबूझ थी, और हवा को भांपकर अक्सर पलट जाने की प्रवृत्ति भी. कई बार नेताजी ने अपने फैसलों और बयानों से खुद ही अलग कर लिया.

Next Article

Exit mobile version