Aparna Yadav Join BJP: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले एक बार फिर मुलायम सिंह का घराना सुर्खियों में बना हुआ है. इस बार सुर्खियों में आने की वजह सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल नहीं बल्कि छोटे भाई की बहू अपर्णा यादव हैं. अपर्णा यादव ने आज भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है. इस दौरान यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य मौजूद रहे.
दिल्ली: समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुईं। https://t.co/fieghGSmbP pic.twitter.com/nMqgwLirqu
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 19, 2022
दरअसल, बीते काफी दिनों से अपर्णा यादव के बीजेपी में शामिल होने की खबर चल रही थी, लेकिन आज उन्होंने बीजेपी में शामिल होकर इस खबर की पुष्टि कर दी है. अपर्णा 2017 के विधानसभा चुनाव में लखनऊ कैंट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन इस चुनाव में वह बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी से हार गईं थी. अपर्णा यादव मुलायम सिंह यादव और साधना गुप्ता के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं. प्रतीक यादव राजनीति से कोसों दूर हैं, वहीं अपर्णा यादव किसी न किसी कारण सुर्खियों में बनी रहती हैं.
अपर्णा यादव ऐसे में समय में बीजेपी में शामिल हुई हैं, जब बीजेपी के कई विधायक और मंत्री इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुके हैं. बीजेपी के लिए यह डैमेज कंट्रोल करने का एक बड़ा अवसर है. बीजेपी से स्वामी प्रसाद मौर्य का जाना पार्टी के लिए कहीं न कहीं नुकसान दायक माना जा रहा है. पार्टी अब ओबीसी वोटबैंक को छिटकने से बचाने की तैयारी पर काम करने में जुट गई है, जिसका असर पार्टी की ओर से जारी 107 प्रत्याशियों की सूची में देखा जा सकता है.
बीजेपी द्वारा जारी कई गई 107 उम्मीदवारों की लिस्ट में 44 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं, जबकि 19 अनुसूचित जाति से हैं. दोनों वर्गों को मिलाकर यह आंकड़ा कुल घोषित उम्मीदवारों का 60 प्रतिशत है. इस तरह से देखा जाए तो बीजेपी ने स्वामी प्रसाद मौर्य की भरपाई कर ली है. ऐसे में अब पार्टी में अर्पणा यादव का शामिल होना सपा के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है. दरअसल, 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा के हारने का एक कारण पारिवारिक कलह और भी मानी गई थी, जिसका सपा के वोटबैंक पर बुरा असर पड़ा था.
उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के लिए सात चरणों में चुनाव होंगे. पहले चरण के लिए वोटिंग 10 फरवरी को होगी. इसके बाद दूसरे चरण के लिए 14 फरवरी, तीसरे 20 फरवरी, चौथे 23 फरवरी, पांचवे 27 फरवरी, छठे 3 मार्च और सातवें चरण के लिए 7 मार्च को वोटिंग होगी. 10 मार्च को मतगणना होगी.