Gorakhpur: एम्स और मेडिकल कॉलेज में मल्टी डिसीप्लिनरी यूनिट स्थापित, एमबीबीएस छात्र भी कर सकेंगे शोध-अध्ययन

अभी तक एमबीबीएस छात्रों को बीमारियों पर शोध व अध्ययन करने की सुविधा नहीं थी. केवल पीजी के छात्र एकेडमिक अध्ययन करते थे. एमआरयू यूनिट के संचालन की जिम्मेदारी फार्माकोलॉजी विभाग को दी गई है. इसकी निगरानी आईसीएमआर अपनी शाखा क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र के माध्यम से ही करेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | January 12, 2023 6:42 PM

Gorakhpur: गोरखपुर में अध्ययन व शोध को बढ़ावा देने के लिए इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने गोरखपुर को दो मल्टी डिसीप्लिनरी रिसर्च यूनिट (एमआरयू) प्रदान की है.

पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और नेपाल में फैलने वाले बीमारियों पर रोक लगाने के लिए और उसका इलाज ढूंढने के लिए छात्रों द्वारा अध्ययन व शोध के लिए इस सेंटर को खोला गया है. एम्स में यूनिट तैयार हो गई है बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कक्ष तैयार किया जा रहा है मार्च में इन यूनिटों को शुरू करने की तैयारी है.

इस यूनिट के खुल जाने से ऐसे लोगों को भी मंच मिलेगा जिनके पास योग्यता तो है. लेकिन, संसाधनों के अभाव में उसका लाभ आम जनता को नहीं मिल पा रहा है. इस यूनिट के खुल जाने से विशेषज्ञों के अलावा एमबीबीएस के छात्र भी रिसर्च कर पाएंगे.

मीडिया प्रभारी आरएमआरसी डॉ.अशोक पांडेय ने बताया कि पूरे देश में 85 एमआरयू संचालित कर रहा है 2012 में इसकी शुरुआत हुई और उत्तर प्रदेश में केवल 4 मेडिकल कॉलेज में ये यूनिट पहले से है. इस वित्तीय वर्ष में प्रदेश में दो यूनिट और मिली हैं और दोनों यूनिट गोरखपुर में स्थापित हो रही हैं. उन्होंने बताया कि यह यूनिट लगभग पूरी हो चुकी है. मार्च में इसे शुरू करने की तैयारी चल रही है.

बताते चलें अभी तक एमबीबीएस छात्रों को बीमारियों पर शोध व अध्ययन करने की सुविधा नहीं थी. केवल पीजी के छात्र एकेडमिक अध्ययन करते थे. इन यूनिटों के संचालन की जिम्मेदारी फार्माकोलॉजी विभाग को दी गई है. इसकी निगरानी आईसीएमआर अपनी शाखा क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र के माध्यम से ही करेगा. पांच वर्ष में इन यूनिटों पर लगभग 5 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसमें से डेढ़ करोड़ रुपये की पहली किस्त मिल चुकी है.

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इस यूनिट में किसी भी विभाग के विशेषज्ञ शोध कर सकेंगे. पीजी और एमबीबीएस की छात्र को भी यहां पर शोध करने की सुविधा प्रदान की जाएगी. उनके मार्गदर्शन व यूनिट को संचालित करने के लिए दो वैज्ञानिक, दो लैब टेक्नीशियन और एक डाटा एंट्री ऑपरेटर की नियुक्ति भी की जाएगी. इस यूनिट में उपकरण माइक्रोस्कोप, सेंट्रीफ्यूज, बायोसेफ्टी कैबिनेट, पीसीआर मशीन, इलेक्ट्रोफॉरेसिस यूनिट, हिस्टोपैथोलॉजी, टिशू कल्चर लैब, हिनैटोएनालाइजर लैब होगी.

रिपोर्ट– कुमार प्रदीप, गोरखपुर

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