Bareilly News: एक तरफ देश में भाषण, बयान और जाति-धर्म के आधार पर नफरत फैलाने का काम किया जा रहा है, तो वहीं तमाम लोग भारत की गंगा जमुनी तहजीब को बचाने के लिए समय-समय पर संप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश कर रहे हैं. ताजा मामला इज्जतनगर थाना क्षेत्र के शिकारपुर चौधरी गांव का है, जहां इस्माइल खां और रशीद खां ने कावड़ियों के मंदिर जाने के रास्ते के लिए लाखों रूपये की जमीन दी है. उनके सांप्रदायिक सौहार्द और दरियादिली की हर कहीं तारीफ हो रही है.
इस्माइल खां और रशीद खां की गांव के पास में बेशकीमती जमीन है. मगर, इस जमीन के पास से मंदिर को रास्ता जाता है. रास्ता न होने के कारण कबाड़ियों को काफी दिक्कत थी. वह कावड़ लेकर मंदिर तक नहीं पहुंच पाते थे, लेकिन अब इन दोनों ने कावड़ियों के मंदिर जाने के लिए 06 फुट चौड़ा और 62 फीट लंबा रास्ता अपनी पैतृक जमीन से दिया है. जिनकी तारीफ गांव से लेकर शहर तक हो रही है.
इज्जतनगर थाना क्षेत्र के शिकारपुर चौधरी में हिंदू और मुसलमान रहते हैं. हिंदू समुदाय के श्रद्धालु कावड़ लेकर जल भरने जाते थे. यह श्रद्धालु वापसी में कावड़ लेकर मंदिर तक नहीं पहुंच पाते थे, जिसके चलते कई बार बातचीत भी हुई. मगर, कोई समाधान नहीं निकला. इस बार गांव के प्रमुख लोगों के साथ एडीएम सिटी और एसपी ट्रैफिक की मौजूदगी में बातचीत की गई. इस दौरान दोनों अफसरों ने जमीन मालिक इस्माइल खां और रशीद खां से सांप्रदायिक सौहार्द कायम करने की बात कही.
जिसके चलते दोनों लोग कबाड़ियों के लिए रास्ते देने को तैयार हो गए हैं. तहसील की टीम ने खेत मालिक की मौजूदगी में जमीन की पैमाईश के बाद रास्ते को बेशकीमती जमीन दे दी है. इससे गांव के कांवरियों के साथ ही अन्य लोगों को भी मंदिर तक जाने के लिए रास्ता मिल गया है. दोनों भाइयों ने सांप्रदायिक सौहार्द की बड़ी नजीर पेश की है. इसकी हर कहीं चर्चा है
बरेली के सेठ फजलुर रहमान उर्फ चुन्ना मियां ने अमन और सौहार्द का पैगाम देने के लिए शहर के कटरा मानराय में वर्ष 1960 में लक्ष्मी नारायण का मंदिर स्थापित किया था. बरेली ही नहीं देश में इस मंदिर को चुन्ना मियां के नाम से जाना जाता है. उन्होंने मंदिर को जमीन देने के साथ ही निर्माण कराया. इसके साथ ही श्रमदान किया.
चुन्ना मियां के मंदिर का उद्घाटन 16 मई 1960 को देश के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद ने किया था. मंदिर से चुन्ना मियां का परिवार आज भी जुड़ा हुआ है, जो मंदिर के कार्यों में रुचि लेता है. चुन्ना मियां ने लक्ष्मी नारायण मंदिर के साथ-साथ शहर के हरि मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, धोपेश्वर नाथ मंदिर समेत तमाम मंदिरों में मूर्ति लगवाने के साथ ही पीने के पानी की व्यवस्था और श्रमदान भी किया था. उनका मंदिर में फोटो भी लगा है.
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रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद