Varanasi: जिस एमवी गंगा विलास क्रूज को पीएम नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था, वह बिहार के छपरा में गंगा नदी के बीच में फंस गया है. गंगा नदी में पानी की कमी के कारण यह दिक्कत आयी है. वीवीआईपी क्रूज के पानी में फंसने की सूचना के बाद बिहार प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया. मौके पर एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचक दल) को भेजा गया. इसके बाद क्रूज में फंसे सैलानियों को बाहर लाया गया.
एमवी गंगा विलास क्रूज वाराणसी से 3200 किलोमीटर की यात्रा के लिये निकला है. इसके रास्ते में बिहार के कई पर्यटन स्थल हैं, जहां क्रूज को रुकना है और पर्यटकों को उनकी यात्रा करानी है. बताया जा रहा है कि क्रूज में सवार पर्यटकों को छपरा के चिरांद पर्यटक स्थल जाना था. लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही क्रूज कम पानी होने के कारण गाद में फंस गया. इसके बाद एसडीआरएफ ने अपनी नावों से पर्यटकों को बाहर निकाला और उन्हें राहत पहुंचायी.
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एमवी गंगा विलास क्रूज बिहार के अलावा प. बंगाल में गंगा की सहायक और दूसरे नामों से प्रचलित भागीरथी, हुगली, बिद्यावती, मालटा, सुंदरवन रिवर सिस्टम, बांग्लादेश में मेघना, पद्मा, जमुना और फिर भारत में ब्रह्मपुत्र से असम में प्रवेश करेगा. भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल की वजह से यह यात्रा बांग्लादेश को क्रॉस करेगी. क्रूज यात्री 15 दिनों तक बांग्लादेश में पर्यटन करेंगे.
इस क्रूज पर एक दिन का खर्च 24,692.25 रुपये या 300 डॉलर है. भारतीयों और विदेशियों के लिए टिकट की कीमत में कोई अंतर नहीं होगा. पूरे 51 दिनों की यात्रा पर पर्यटकों के 12.59 लाख रुपये या 1,53,000 डॉलर से अधिक खर्च होंगे. एमवी गंगा विलास क्रूज में यात्रा करने के लिये अभी यात्रियों को लंबा इंतजार करना होगा. बताया जा रहा है कि नयी बुकिंग 2024 में शुरू होगी. अभी क्रूज की बुकिंग हाउसफुल चल रही है.