नागपंचमी पर काशी में होने वाली कुश्ती में ‘दंगल गर्ल’ ने किया कमाल, कई सूरमा पटखनी खाकर दोबारा उठ न सके
नागपंचमी के दिन काशी में कुश्ती लड़ने की पुरानी परंपरा है. यहां के पारंपरिक अखाड़ों में पहलवानी और कुश्ती का दंगल इस दिन आयोजित होता है. इस प्रतियोगी प्रतिस्पर्धा में जितने वालो को आकर्षक पुरस्कार से भी नवाजा जाता है. इस परंपरा में दमखम दिखाते हुए दंगल करती युवतियों ने दंगल मूवी की याद दिला दी.
Varanasi News: नागपंचमी के दिन काशी में कुश्ती लड़ने की पुरानी परंपरा है. यहां के पारंपरिक अखाड़ों में पहलवानी और कुश्ती का दंगल इस दिन आयोजित होता है. और इस प्रतियोगी प्रतिस्पर्धा में जितने वालो को आकर्षक पुरस्कार से भी नवाजा जाता है. इस परंपरा में दम खम दिखाते हुवे दंगल करती युवतियों ने दंगल मूवी की याद दिला दी. इन्हें कुश्ती लड़ता देखकर अनायास हर किसी के मुंह से दंगल गर्ल का नाम निकल जा रहा है.
दंगल गर्ल पुकारने लगेभगवान शिव की नगरी काशी को गोस्वामी तुलसीदास ने अपना ठौर बनाया तो परंपराओं की बुनियाद भी रखी थी. इसी क्रम में नागपंचमी के पावन पर्व के अवसर पर तुलसी घाट स्थित स्वामीनाथ अखाड़े में पुरुषों का वर्चस्व तोड़ते हुए आधी आबादी ने अखाड़े में ताल ठोंकी और जय श्रीराम का उद्घोष कर युवतियों और किशोरियों ने पटखनी देकर अखाड़े का नाम देशभर में चर्चा में ला दिया. सभी उन्हें दंगल गर्ल पुकारने लगे.
काशी अपनी परंपराओं को सहेजने के लिए भी जानी जाती है. काशी में नाग पंचमी पर अखाड़ों में कुश्ती लड़ने और जोड़ी-गदा फेरने की परंपरा है. ऐसी ही परंपरा को निभाते हुवे दंगल गर्ल ने स्वामी नाथ अखाड़े में पहलवानी का दम- खम दिखाया. यहां हर साल नागपंचमी पर कुश्ती दंगल होता है. इसकी तैयारियां कई दिनों पहले से शुरू हो जाती हैं. इस दिन पहलवान जोर आजमाइश करते हैं. गदा और जोड़ी की प्रतियोगिताएं भी होती हैं. इन्हें देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ती है. ऐसे में जब युवतियां अखाड़े में दंगल करती नज़र आये तो महिला सशक्तिकरण का इससे शानदार उदाहरण और क्या हो सकता है.
Also Read: Nag Panchami 2022: काशी के जैतपुरा के नागकूप पर उमड़े श्रद्धालु, जानें शेषनाग के अवतार से जुड़ी मान्यता दोनों ने जमकर दांव पर दांव दिखायाइस बार स्वामीनाथ अखाड़े के लड़कियों ने कुश्ती में खूब दमखम दिखाया और उम्दा प्रदर्शन किया. लड़कियों ने कुश्ती में जमक दमखम दिखाकर यह साबित किया कि हम किसी से कम नहीं है. इसके पूर्व कुश्ती दंगल का शुभारंभ प्रातः काल अखाड़ा स्वामीनाथ के महंत विशंभर नाथ मिश्र अखाड़े पर स्थित हनुमान जी का पूजन अर्चन कर के किया. इसके पश्चात पहलवानों द्वारा अखाड़े का विधि विधान से पूजन-अर्चन किया गया. प्रतियोगिता का शुभारंभ महिला पहलवान खुशी एवं पुरुष पहलवान कमल के बीच हुआ. दोनों ने जमकर दांव पर दांव दिखाया. इसके पश्चात खुशी एवं पलक, खुशबू व सृष्टि, अंजली एवं पायल, सोनी अनुराधा के बीच में रोमांचक कुश्ती दंगल हुआ. वहीं पुरुष पहलवानों में हर्ष पटेल एवं प्रतीक यादव, प्रांजल एवं सौरव, ऋषभ व करण के बीच रोमांचक कुश्ती हुआ मैच के रेफरी विजय यादव थे.
क्या है स्वामीनाथ अखाड़ा?इस अवसर पर अखाड़ा स्वामीनाथ के महंत प्रोफ़ेसर विशंभर नाथ मिश्र ने कहा कि आज महिलाएं पुरुष से कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं. जब वह हर क्षेत्र में आगे जा रहे हैं तो पहलवानी में क्यों कम रहे, यही सोच कर 5 वर्ष पूर्व स्वामीनाथ अखाड़े में लड़कियों को कुश्ती दंगल का अभ्यास कराना शुरू किया गया. आज स्वामीनाथ अखाड़े से निकली लड़कियां राज्यस्तरीय, राष्ट्रस्तरीय एवं अंतरराष्ट्रीयस्तर पर कुश्ती दंगल प्रतियोगिता में शामिल हो रही हैं और अच्छा प्रदर्शन कर रही है.
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