Namaz Controversy: घर में सामूहिक नमाज पढ़ने का मामला निकला झूठा, जांच के बाद पुलिस ने रद्द किया मुकदमा

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद (Moradabad) में एक घर में सामूहिक रूप से नमाज़ पढ़ने वाले 26 लोगों पर मुकदमा दर्ज होने के बाद इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से सवाल किया है

By Prabhat Khabar News Desk | August 30, 2022 7:33 AM

Namaz Controversy In Moradabad: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जनपद के छजलैट थाना क्षेत्र में सामूहिक रूप से नमाज पढ़ने के मामले में अब एक नया मोड़ आया है. मंगलवार को मुरादाबाद पुलिस ने जांच के बाद इसको फर्जी पाया है. पुलिस ने मुकदमे को खारिज कर दिया है. बता दें कि इससे पहले सामूहिक नमाज पढ़ने के लिए 16 नामजद और 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था.

दरअसल, मुरादाबाद के थाना छजलैट के गांव दुल्हेपुर में बिना मस्जिद-मदरसे के एक घर में सामूहिक नमाज पढ़ने का एक वीडियो सामने आया था. हिन्दू पक्ष का कहना है कि नमाज का ये वीडियो 3 जून का है लेकिन अभी भी सामूहिक रूप से नमाज जारी है. इसीलिए पुलिस में शिकायत की गई. लोगों का कहना है कि कुछ लोग गांव के अंदर नई परंपरा शुरू करने का आरोप लगाया है. हिंदू समुदाय के लोग इसका विरोध करते आ रहे हैं. इस मामले में पुलिस ने 16 लोगों को नामजद और 10 अज्ञात के खिलाफ धारा 505(2) के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए अग्रिम कार्रवाई शुरू की थी.

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वहीं उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद (Moradabad) में एक घर में सामूहिक रूप से नमाज़ पढ़ने वाले 26 लोगों पर मुकदमा दर्ज होने के बाद इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से सवाल किया है कि क्या अब घरों में भी नमाज़ पढ़ने के लिए सरकार और पुलिस (Police) से इजाज़त लेनी पड़ेगी और कब तक मुस्लिमों के साथ देश मे दूसरे दर्जे के नागरिकों वाला सलूक किया जाएगा?

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