एनईआर की रानीखेत एक्सप्रेस-उत्तरांचल संपर्क क्रांति बनी शान, आइएसओ 9001 और 2015 का मिला सर्टिफिकेट
इज्जतनगर रेल मंडल की 15013/15014 रानीखेत एक्सप्रेस काठगोदाम-जैसलमेर के बीच संचालित होती है, जबकि 15035/15036 उत्तरांचल संपर्क क्रांति काठगोदाम और दिल्ली के बीच में चलती है. दोनों ट्रेन को आइएसओ 9001:2015 सर्टिफिकेट मिला है. डीआरएम आशुतोष पंत समेत सभी अफसरों ने खुशी का इजहार किया है.
Bareilly News: पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) के इज्जतनगर रेल मंडल के काठगोदाम स्टेशन से संचालित 15013/15014 रानीखेत एक्सप्रेस और 15035/15036 उत्तरांचल संपर्क क्रांति एक्सप्रेस रेल मंडल की शान बन गई हैं. इन दोनों ट्रेनों को यात्री सुविधा, ट्रेन के रख-रखाव, अनुरक्षण, साफ-सफाई, सुरक्षा, संरक्षित परिचालन, पर्यावरण एवं यात्री सुविधा के क्षेत्र में उन्नत तकनीकी का प्रयोग करने पर अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आइएसओ) 9001:2015 सर्टिफिकेट मिला है.
इज्जतनगर रेल मंडल की 15013/15014 रानीखेत एक्सप्रेस काठगोदाम-जैसलमेर के बीच संचालित होती है, जबकि 15035/15036 उत्तरांचल संपर्क क्रांति काठगोदाम और दिल्ली के बीच में चलती है. दोनों ट्रेन को आइएसओ 9001:2015 सर्टिफिकेट मिला है, जिसके चलते मंडल रेल प्रबन्धक (डीआरएम) आशुतोष पंत समेत सभी अफसरों ने खुशी का इजहार किया है. इसके साथ ही उत्तरांचल सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस एवं रानीखेत एक्सप्रेस के सभी कोच में सर्टिफिकेट की प्रति लगवाने का फैसला लिया गया है.
आइएसओ सर्टिफिकेट ट्रेन की पंक्चुअलिटी (समय बद्धता) यानी ट्रेन के समय पर संचालन, अपने समय पर अपने सोर्स स्टेशन से चली और कितनी बार गंतव्य स्थान पर समय पर पहुंची, साफ-सफाई (ट्रेन के अंदर कितनी सफाई रखी जाती है), ट्रेन के अंदर किसी भी तरह की कोई गंदगी नहीं होने पर. शौचालय नियमित अंतराल पर ओबीएचएस स्टाफ के द्वारा साफ करने पर, डस्टबिन का प्रयोग, सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण बात है. इसमें ये देखा जाता है कि ट्रेन के अंदर यात्रियों की ट्रेन की सुरक्षा किस प्रकार कि जा रही है. ट्रेन का ऑन ड्यूटी चालित स्टाफ जैसे कि आरपीएफ के जवान, टिकट चेकिंग स्टाफ, कोच अटेंडेंट, पैंट्री कार स्टाफ आदि कितने मुस्तैद है यात्रियों के साथ कभी कोई घटना हो गई तो ये कितनी देर में यात्रियों के पास पहुंचकर उनकी मदद करते हैं.
ऑन बोर्ड हाउस कीपिंग स्टाफट्रेन का स्टाफ यानी कि ट्रेन का ऑन ड्यूटी चालित स्टाफ जैसे कि आरपीएफ के जवान, टिकट चेकिंग स्टाफ, कोच अटेंडेंट, पैंट्री कार स्टाफ, ओबीएचएस यानी कि ऑन बोर्ड हाउस कीपिंग स्टाफ का व्यवहार यात्रियों के प्रति ठीक हो. अपना काम कितने अच्छे तरीके से कर रहे हैं, मेंटेनेंस यानी कि ट्रेन का रखरखाव अंदर से और बाहर से कैसा है किसी प्रकार की कोई खामी तो नहीं ट्रेन के अंदर किसी भी पार्ट में कोई गड़बड़ तो नहीं. ट्रेन के बाहर सब हिस्से जैसे कि एक्सल, ब्रेक शू, पहिए, कपलिंग, वैक्यूम पाइप आदि पार्ट ठीक स्थिति में है.
क्या है आइएसओअंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आइएसओ) सर्टिफिकेट अलग अलग कंपनीज को दिया जाता है. आइएसओ की स्थापना 23 फरवरी 1947 को हुई. इसका उद्देश्य दुनिया भर में व्यापार, स्वामित्व, औद्योगिक वाणिज्यिक मानकों को बढ़ावा देना होता है.
जेनेवा में मुख्यालयइसका मुख्यालय जेनेवा (स्विट्जरलैंड) में है.इसके 162 देश सदस्य हैं. इसकी तीन मुख्य भाषाएं हैं, इंग्लिश, फ्रेंच और रसियन. आइएसओ में कंपनियों की गुणवत्ता और शुद्धता की जांच करके पता लगाया जाता है, कि कंपनी के द्वारा ग्राहक को बेचा गया प्रोडक्ट सही है कि नहीं. जब ये बात साबित हो जाती है.इसके बाद प्रोडक्ट की गुणवत्ता सही है. उनके मानकों पर खरी उतरी है, तब ये सर्टिफिकेट दिया जाता है.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद