Netaji Ki Terhavin: नहीं होगी नेताजी मुलायम सिंह यादव की तेरहवीं, जानिये क्यों लिया गया यह निर्णय?

सैफई और इसके आस-पास के काफी बड़े क्षेत्र की परंपरा है कि तेरहवीं संस्कार यानि मृत्युभोज की परंपरा का बहिष्कार किया जाना चाह‍िए. इसके पीछे कारण बताया जाता है क‍ि इससे गरीब परिवार पर आर्थिक बोझ पड़ता है. लिहाजा आर्थिक रूप से मजबूत परिवार भी इसे नहीं करेंगे तो इस प्रथा को समाप्‍त करने में मदद म‍िलेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | October 13, 2022 4:23 PM
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Mulayam Singh Yadav Terhavin: समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्‍तर प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री मुलायम सिंह यादव मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. बुधवार को परिजनों ने शुद्धिकरण संस्कार भी क‍िया. अब यह चर्चा तेज है क‍ि धरती पुत्र के नाम से प्रस‍िद्ध नेताजी मुलायम सिंह यादव की तेरहवीं कब होगी?

नेताजी की तेरहवीं नहीं की जाएगी

दरअसल, बुधवार की सुबह सपा सुप्रीमो अख‍िलेश यादव प‍िता मुलायम स‍िंह की अस्‍थ‍ियां लेने गए थे. उसके बाद वे पर‍िवार के साथ शुद्ध‍िकरण संस्‍कार में शाम‍िल हुए. अस्थियां लेने के बाद अखिलेश यादव शुद्धिकरण संस्कार के लिए परिवार संग मुलायम सिंह यादव के भाई अभय राम यादव के घर पर पहुंचे. जहां यह बताया गया क‍ि नेताजी की तेरहवीं नहीं की जाएगी. परंपरा के अनुसार सैफई में तेरहवीं संस्कार नहीं होता है. अंत्येष्टि के 11वें दिन बाद शांति पाठ का आयोजन क‍िया जाएगा. सैफई और इसके आस-पास के काफी बड़े क्षेत्र की परंपरा है कि तेरहवीं संस्कार यानि मृत्युभोज की परंपरा का बहिष्कार किया जाना चाह‍िए. इसके पीछे कारण बताया जाता है क‍ि इससे गरीब परिवार पर आर्थिक बोझ पड़ता है. लिहाजा आर्थिक रूप से मजबूत परिवार भी इसे नहीं करेंगे तो इस प्रथा को समाप्‍त करने में मदद म‍िलेगी.

शांति पाठ कराना शुरू कर द‍िया

मृत्युभोज की कुरीति को समाप्त करने का श्रेय जाता है नेताजी के मित्र राज्यसभा सांसद रहे बाबू दर्शन सिंह यादव को. बाबू दर्शन सिंह यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के साथी थे. बाबू दर्शन सिंह समाजसेवी भी थे. उन्होने केंद्रीय समाज सेवा समिति का गठन किया था. इस सम‍िति‍ के माध्यम से उन्‍होंने इटावा-मैनपुरी, कन्नौज समेत कई जनपदों में दहेज, मृत्यु उपरांत भोज और नशा का खुलकर विरोध दर्ज कराया. उन्होंने तेरहवीं के स्थान पर शांति पाठ कराने का प्रयास किया. देखते-देखते उन क्षेत्रों में बदलाव द‍िखने लगा. आमजन ने मृत्योपरांत भोज के स्थान पर शांति पाठ कराना शुरू कर द‍िया. हालांक‍ि, नेताजी मुलायम स‍िंह यादव के अस्‍थ‍ि व‍िसर्जन के ल‍िए अख‍िलेश यादव हर‍िद्वार जा सकते हैं.

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