Subhash Chandra Bose Jayanti 2023: राजधानी लखनऊ से नेताजी सुभाष चंद्र बोस का गहरा नाता हैं. 20 नवंबर 1938 को कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार लखनऊ के हीवेट रोड स्थित बंगाली क्लब आए थे. उनको बंगाली क्लब और युवक समिति ने अभिनंदन पत्र देने के लिए आमंत्रित किया था. लखनऊ पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया था. तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा, का नारा बुलंद करने वाले महान क्रांतिकारी सुभाष चंद्र बोस को आज पूरा देश याद कर रहा है.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 21 अक्बूर 1943 को वो कारनामा कर दिखाया, जिसे अब तक किसी ने करने के बारे में सोचा तक नहीं था. उन्होंने आजादी से पहले ही सिंगापुर में आजाद हिंद सरकार की स्थापना की. नेताजी ने इस सरकार के जरिए अंग्रेजों को साफ कर दिया कि अब भारत में उनकी सरकार का कोई अस्तित्व नहीं है और भारतवासी अपनी सरकार चलाने में पूरी तरह से सक्षम हैं. आजाद हिंद सरकार के बनने से आजादी की लड़ाई में एक नए जोश का संचार हुआ. करीब 8 दशक पहले 21 अक्टूबर 1943 को देश से बाहर अविभाजित भारत की पहली सरकार बनी थी.