Lucknow: यूपी में नया बिजली कनेक्शन लेने जा रहे उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगने वाला है. पावर कारपोरेशन प्रबंधन के इस प्रस्ताव पर उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग अहम फैसला करने की तैयारी में है. नियामक आयोग में नए कनेक्शन के लिए दरें तय करने के लिए आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह की अध्यक्षता में कल बुधवार को अहम बैठक होगी. इसमें विद्युत कनेक्शन के लिए उपकरणों और अन्य खर्चों की दरें तय करते हुए कास्ट डाटा बुक को अंतिम रूप दिया जाएगा.
यूपी पावर कारपोरेशन ने नई कास्ट डाटा बुक का जो प्रस्ताव दिया है, वह लागू हुआ तो कनेक्शन लेने की दरें 15 से 20 फीसदी तक बढ़ेंगी. प्रदेश में तीन वर्ष बाद दरें बढ़ाने संबंधी कास्ट डाटा बुक के प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए आयोग ने कल इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी की बैठक बुलाई है. कास्ट डाटा बुक की दरों के आधार पर ही नए बिजली कनेक्शन के लिए आवश्यक सामग्री का एस्टीमेट तैयार किया जाता है. वर्तमान में लागू कास्ट डाटा बुक की दरें वर्ष 2019 से स्थिर हैं.
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया है. दरें बढ़ाने से रोकने के लिए उपभोक्ता परिषद बुधवार को अपनी दलीलें पेश करेगा. उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पहले से ही प्रदेश की जनता महंगाई से परेशान हैं. ऐसे में आयोग को उपभोक्ता हित में निर्णय करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आयोग, दूसरे राज्यों में लागू दरों का भी अध्ययन कर नई कास्ट डाटा बुक को अंतिम रूप देगा.
वर्मा ने कहा कि 20 करोड़ से अधिक आबादी वाले यूपी में अन्य राज्यों की तुलना में अभी महज करीब सवा तीन करोड़ कनेक्शन ही हैं. इस लिहाज से नए कनेक्शन की दरें बढ़ने पर उपभोक्ता संख्या में इजाफा होने में कई मुश्किलें आएंगी. उन्होंने कहा कि परिषद की तरफ से प्राधिकरण द्वारा घरेलू और वाणिज्य कनेक्शन में बदलाव करते हुए जारी किए जा रहे आदेशों के बारे में भी आयोग को जानकारी दी जाएगी.
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परिषद ने यूपी की परिस्थितियों का हवाला देते हुए कहा कि नए कनेक्शन की दरें आम जनता के लिए सुलभ और सस्ती होनी चाहिए, जिससे वह ज्यादा से ज्यादा कनेक्शन ले सके. आबादी के लिहाज से यूपी में विद्युत कनेक्शन की संख्या अभी बेहद कम है. इसे बढ़ाने के लिए दरें कम रखना बेहद जरूरी है. आयोग के समक्ष उपभोक्ता परिषद अपनी दलीलें पुरजोर तरीके से रखेगा, जिससे उपभोकता पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं पड़े.