Gorakhpur: गोरखपुर में एक भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है जहां 24 घंटे के भीतर ही एक पुलिया भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है. चार लाख की लागत से बनाई गई पुलिया भरभरा कर गिर गई. जिसके बाद से पुलिया तैयार करने वाले ठेकेदार और नगर निगम अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए. नगर निगम ने आनन-फानन में पुलिया निर्माण करने वाली फर्म को ब्लैक लिस्ट करने के साथ उसके डिपाजिट को जब्त कर लिया है.
एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर को स्मार्ट सिटी के साथ-साथ हाईटेक बनाने की बात कर रहे हैं और विकास के लिए हजारों करोड़ों रुपये जारी कर चुके हैं. वहीं दूसरी ओर सरकारी विभाग इन रुपयों की बंदरबांट में लगे हुए हैं, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है. इससे जुड़ा एक मामला गोरखपुर शहर के वार्ड नंबर 40 रुद्रपुर (दीवान बाजार) में देखने को मिला. जहां 24 घंटे पहले निर्माण हुई पुलिया भरभरा कर गिर गई.
इस पुलिया का निर्माण करा रहे ठेकेदार ने बताया कि 8 मीटर की पुलिया बनानी थी जिसमें 4 मीटर चौड़ी दीवार इस तरफ से लेकर दूसरी तरफ तक बनानी थी. इसमें बीम का काम भी किया जा रहा था और नीचे दीवार तोड़कर ढलाई का काम किया जा रहा था. बताया कि बांस बल्ली कमजोर होने की वजह से यह पुलिया गिर गई.
इस घटना के बाद नगर निगम के अधिकारियों के हाथ पैर फूलने लगे. नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने जेई के खिलाफ भी जांच बैठा दी है. उनका कहना है कि पुलिया की शटरिंग जिस खंभे पर रोकी गई थी उस खंभे के टूटने की वजह से यह हादसा हुआ है. हालांकि ठेकेदार के फर्म को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है. साथ ही ठेकेदार की जमा धनराशि भी जब्त कर ली गई है.
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गनीमत रही कि इस घटना के दौरान कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ. स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर काफी गुस्सा है, क्योंकि वह इस घटिया निर्माण का पहले दिन से ही विरोध कर रहे थे. हालांकि यह जांच का विषय है कि क्या मानक के हिसाब से ठेकेदार काम नहीं कर रहा था या फिर पुलिस के गिरने की कोई और वजह थी.
रिपोर्ट– कुमार प्रदीप, गोरखपुर