UP Nikay Chunav: कांग्रेस के पूर्व विधायक के भाई ने थामा BJP का दामन, कानपुर मेयर पद के लिए किया आवेदन
कांग्रेस को नगरीय निकाय चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है. कट्टर कांग्रेसी और पूर्व विधायक अजय कपूर के भाई विजय कपूर मेयर चुनाव में ताल ठोक सकते हैं. उन्होंने बीजेपी से मेयर पद के लिए आवेदन भी किया हैं. बता दें कि विजय कपूर पेशे से बड़े उद्योगपति हैं और दादानगर कॉरपोरेट स्टेट के चेयरमैन हैं.
Kanpur: नगर निकाय चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ने लगा हैं. भाजपा, सपा और सभी राजनीतिक दल निकाय चुनाव को लेकर अपनी तैयारी में जुटे हुए हैं. इसी बीच कांग्रेस को निकाय चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा हैं. पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और तीन बार के विधायक रहे अजय कपूर के भाई विजय कपूर ने पार्टी से अलग राह पकड़ ली है. विजय कपूर ने बीजेपी का दामन थाम लिया हैं. उन्होंने मेयर पद के उम्मीदवार के लिए आवेदन भी किया है.
कानपुर की राजनीति में बड़ा उलटफेर
कांग्रेस को नगरीय निकाय चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है. कट्टर कांग्रेसी और पूर्व विधायक अजय कपूर के भाई विजय कपूर मेयर चुनाव में ताल ठोक सकते हैं. उन्होंने बीजेपी से मेयर पद के लिए आवेदन भी किया हैं. बता दें कि विजय कपूर पेशे से बड़े उद्योगपति हैं और दादानगर कॉरपोरेट स्टेट के चेयरमैन हैं. वे भारतीय राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक भी हैं. इसके अलावा विजय कपूर यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के रिश्तेदार भी हैं. विजय कपूर के बीजेपी का दामन थाम लेने पर मेयर चुनावों से पहले कानपुर की पॉलिटिक्स में बड़ा उलटफेर हो सकता है.
अधिसूचना जारी करने पर लगी है रोक
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की अधिसूचना को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगाई हुई है. इस वजह से 20 दिसंबर तक इसकी अधिसूचना जारी नहीं हो सकती है. कोर्ट द्वारा ये रोक 12 दिसंबर को लगाई गई थी. नगर निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को लागू करने में प्रक्रिया का पालन न करने के आरोप में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये फैसला दिया था.
गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सोमवार को राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) को नगर निकाय चुनाव कराने की अधिसूचना जारी करने पर मंगलवार तक अंतरिम रोक लगा दी थी. यह आदेश न्यायमूर्ति डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की पीठ ने वैभव पांडेय और अन्य याचिकाकर्ताओं की अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पारित किया था.
रिपोर्ट: आयुष तिवारी