Bareilly News: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव लगातार टल रहे हैं. आगामी चुनाव लोकसभा इलेक्शन 2024 के करीब होने की उम्मीद है. मगर, अब सियासी दल यूपी निकाय को छोड़कर लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं. लोकसभा चुनाव में सिर्फ 1 साल बची है, जिसके चलते देश की 543 लोकसभा सीट पर चुनाव होना है.
इस चुनाव को लेकर बसपा काफी मेहनत कर रही है, क्योंकि,लोकसभा चुनाव में बसपा का रिजल्ट खराब होने पर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छीन सकता है. इसलिए बसपा लोकसभा में अधिक से अधिक सीट जीतने की कोशिश में है.जिसके चलते बसपा का प्लान कांग्रेस के साथ गठबंधन से चुनाव लड़ने का है. क्योंकि, दिल्ली की कुर्सी के लिए कांग्रेस और भाजपा के बीच ही मुख्य मुकाबला होना है.
बसपा के एक विश्वसनीय सूत्र ने बताया कि यूपी में 22 फीसद दलित हैं, और 20 फीसद से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं. लोकसभा चुनाव में दलित और मुस्लिम कांग्रेस के साथ जाने को तैयार हैं. ऐसे में कांग्रेस से गठबंधन कर सीटों को जीता जा सकेगा. भाजपा के बजाय कांग्रेस पर हमेशा हमलावर रहने वाली बसपा प्रमुख ने पिछले कुछ महीनों से कांग्रेस पर सियासी हमले भी कम कर दिए हैं.
बसपा के जौनपुर लोकसभा सीट से सांसद श्याम सिंह यादव कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हो चुके हैं. वह कांग्रेस नेताओं के संपर्क में हैं. बसपा और कांग्रेस का 1996 विधानसभा चुनाव में भी गठबंधन हुआ था. इसका बसपा को फायदा मिला. सांसद श्याम सिंह यादव कांग्रेस नेताओं के साथ गठबंधन के प्लान पर काम कर रहे हैं. क्योंकि, 2024 लोकसभा चुनाव बसपा के लिए काफी अहम है.
सपा गठबंधन में जीती थी 10 सीट 2019 लोकसभा चुनाव में बीएसपी चीफ मायावती ने सपा के साथ गठबंधन किया था. इस चुनाव में बसपा ने 10, और सपा को 5 सीट मिली थीं. हालांकि, 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा को एक भी सीट नहीं मिली. इसीलिए बसपा एक बार फिर गठबंधन करने के मूड में हैं. बसपा और कांग्रेस के गठबंधन से बसपा को काफी फायदा मिलेगा.इसके साथ ही कांग्रेस को भी फायदा मिलने की उम्मीद है.
कांग्रेस पहले ही दलित कार्ड खेल चुकी है. कांग्रेस दलितों को लुभाने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना चुकी है, तो वहीं यूपी में बृजलाल खाबरी प्रदेश अध्यक्ष हैं. इसके साथ ही बसपा के कई बड़े नेता कांग्रेस के संपर्क में है. अगर, यह गठबंधन नहीं होता है, तो बसपा के नसीमुद्दीन सिद्दीकी,नकुल दुबे की तरह बसपा के तमाम नेता कांग्रेस के साथ नजर आ सकते हैं.
बसपा प्रमुख मायावती सपा पर लगातार सियासी हमला कर रही हैं. वह मुस्लिमों के नजदीक आने के लिए लगातार कोशिश कर रही हैं. मैनपुरी सीट जीतने और रामपुर की सीट हराने पर भी भाजपा से मिलकर सपा के चुनाव लड़ने का आरोप लगाया था. इसके साथ ही सपा पर लगातार हमलावर हैं.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली