Lucknow: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को यूपी को 8000 करोड़ की सड़क परियोजनाओं का तोहफा दिया. उन्होंने कहा कि यूपी को 2024 से पहले 5 लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाएं देंगे. इसकी शुरुआत 8000 करोड़ की योजनाओे से हो रही है. नितिन गडकरी इंडियन रोड कांग्रेस के 81वें अधिवेशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे. केंद्रीय मंत्री गडकरी व सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक साथ इंडियन रोड कांग्रेस के 81वें अधिवेशन का उद्घाटन किया था.
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यूपी के लिये जो प्रोजेक्ट मंजूर हुये हैं, उनमें शाहाबाद बाईपास, हरदोई बाईपास 1212 करोड़ का, शाहाबाद बाईपास से शाहजहांपुर बाईपास का 35 किलोमीटर सड़क 950 करोड़, मुरादाबाद से काशीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 2007 करोड़, गाजीपर-बलिया 1708 करोड़ रुपये और 13 रेल ओवर ब्रिज 1000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं मंजूर की गयी हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2024 तक यूपी का रोड बुनियादी ढांचा अमेरिका के बराबर होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्देश है कि भारत की 5 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था को नंबर 5 से 1 पर लाना है. उसके लिये रोड का निर्माण बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं है कि हमारे पास सबकुछ बेस्ट ही हो. समय की मांग है कि वेस्ट का प्रयोग कर उतर प्रदेश में वातावरण को बिना नुकसान पुहंचाये सड़क का निर्माण किया जाये. ईकोनामी, ईकोलाजी के साथ पर्यावरण और परिवेश पर भी ध्यान देना होगा.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत विकासशील देश है. यहां निर्माण की कीमत अधिक है. इसलिये हमें ध्यान रखना होगा कि निर्माण की कीमत को कम और गुणवत्ता को बढ़ाया जाये. उन्होंने यूपी की जनता से डीजल-पेट्रोल की बजाय एथेनाल, मेथेनाल, विद्युत औऱ सीएनजी के वाहन प्रयोग करने की अपीली की. जिससे किराया भी सस्ता होगा. आज हम पराली से एक लाख लीटर बायो एथनॉल बना रहे हैं. साथ ही हम इससे बायो सीएनजी बनाने पर भी काम कर रहे हैं.
नितिन गडकरी ने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन भविष्य की जरूरत है. हमारे देश के 117 आकांक्षी जिलों में अगर इस तकनीक पर काम किया जाए तो उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत होने में पूरी मदद मिलेगी. इससे देश में रोजगार सृजन भी होगा. आईसीसीएसए का मानना है कि नेट जीरो के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जो तकनीकी रोडमैप पेश किया जा रहा है, वह ट्रिपल ई (इकोनमी, एनवायरमेंट व इकोलॉजी) की अवधारणा पर आधारित है. इसके लिए सबसे ज्यादा ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन करने वाले जिन पांच सेक्टरों को चुना गया है, उनमें तेल व प्राकृतिक गैस, कृषि व पशुपालन, लैंडफिल एडं वेस्ट, कोयला खनन और परिवहन प्रमुख हैं.
उत्तर प्रदेश के लिए नई सड़क परियोजनाओं की घोषणा!#PragatiKaHighway #GatiShakti pic.twitter.com/R3mOdzOXGC
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) October 8, 2022