बिकरु कांड के 2 साल बाद मिली शहीद दरोगा अनूप सिंह की पत्नी को नौकरी, लखनऊ पुलिस मुख्यालय में बनीं OSD
प्रतापगढ़ के रहने वाले अनूप सिंह 2 जुलाई, 2020 की रात चौबेपुर थानाक्षेत्र के बिकरू गांव में कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घर दबिश देने गए गए थे. उसी बीच विकास और उसके साथियों के साथ हुई मुठभेड़ में वे शहीद हो गए थे. शहीद की पत्नी नीतू सिंह नौकरी के लिए लगातार संघर्ष कर रही थीं.
Kanpur Bikru Case: कानपुर के बहुचर्चित बिकरु कांड में शहीद हुए दरोगा अनूप सिंह की पत्नी को 2 साल के बाद मुआवजे के तौर पर नौकरी मिली है. बीते कई दिनों से मीडिया में इस बात को लेकर सरकार की आलोचना की जा रही थी. दरोगा अनूप की पत्नी नीतू को लखनऊ पुलिस मुख्यालय में विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) के पद पर तैनात किया गया है.
गैंगस्टर से मुठभेड़ में हुए थे शहीद
प्रतापगढ़ के रहने वाले अनूप सिंह 2 जुलाई, 2020 की रात चौबेपुर थानाक्षेत्र के बिकरू गांव में कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घर दबिश देने गए गए थे. उसी बीच विकास और उसके साथियों के साथ हुई मुठभेड़ में वे शहीद हो गए थे. अनूप सिंह के शहीद होने के बाद से उनकी पत्नी नीतू सिंह नौकरी के लिए लगातार संघर्ष कर रही थीं. नीतू ने 3 जुलाई को पुलिस मुख्यालय में ओएसडी के पद पर ज्वाइन कर लिया है. शहीद दरोगा अनूप की बेटी गौरी कक्षा छह व बेटा सूर्यांश यूकेजी में पढ़ाई कर रहा है. प्रतापगढ़ के रहने वाले अनूप सिंह ने 2004 में पुलिस फोर्स ज्वाइन किया था. 2015 में वह दरोगा बने थे. ट्रेनिंग के बाद दरोगा के पद पर उनकी पहली पोस्टिंग कानपुर में 2017 में बाबूपुरवा थाने में हुई थी. फिर टिकरा चौकी के बाद चौबेपुर थाने में तैनाती मिली थी.
क्या हुई थी घटना
2 जुलाई, 2020 को कानपुर के चौबेपुर थानाक्षेत्र में बिकरु गांव में कुख्यात बदमाश विकास दुबे के घर दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास और उसके गुर्गों ने गोलियों से हमला कर दिया था. इसमें डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. हालांकि, घटना के बाद गुस्साये अधिकारियों ने विकास को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था.
रिपोर्ट : आयुष तिवारी